कांग्रेस के लिंगायत कार्ड का भाजपा ने निकाला तोड़

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Published on : 24 Mar, 18 11:03

नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के पहले कांग्रेस ने खेला लिंगायत समुदाय का दांव उसी को उल्टा पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इसकी मंजूरी देने के मूड में नहीं है। इसे लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट मीटिंग हुई। इसमें अधिकतर मंत्रियों ने लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने का विरोध किया. टाइम्स ऑ़फ इंडिया के मुताबिक, मीटिंग में मंत्रियों ने तर्क दिया कि वीरशैव-लिंगायत समुदाय को अलग दर्जा देने पर दलितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हिंदू, बौद्ध और सिख समुदाय के दलितों को ही नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिलता है। यदि वीरशैव-लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दे दिया गया तो दलित तबके के लोग आरक्षण से वंचित रह जाएंगे।वहीं, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यूपीए-2 ने भी इस मांग को खारिज कर दिया था। उस वक्त यह मांग उठी थी कि लिंगायतों और वीरशैव-लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए।


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