जन्मजात न्यूरल टयूब डिफेक्ट बीमारी से ग्रसित मासूम का आरबीएसके में हुआ निःशुल्क ऑपरेशन

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Published on : 23 Mar, 18 13:03

जन्मजात न्यूरल टयूब डिफेक्ट बीमारी से ग्रसित मासूम  का आरबीएसके में हुआ निःशुल्क ऑपरेशन जन्मजात न्यूरल टयूब डिफेक्ट बीमारी से ग्रसित मासूम का आरबीएसके में हुआ निःशुल्क ऑपरेशन
सरफराज मोहम्मद आई ई सी कॉर्डिंनेटर
कोटा,जम्मजात न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट बीमारी से ग्रसित 2 दिन के मासूम बालक का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शहर के न्यू मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में निःशुल्क ऑपरेशन हुआ है। बालक अब पूरी तरह स्वस्थ है। आरसीएचओ डॉ एमके त्रिपाठी ने बताया कि रामगंजमण्डी की गरीब नवाज कॉलोनी निवासी शन्नो ने 8 मार्च को कुदायला सब सेंटर पर बालक को जन्म दिया था। जब आरबीएसके की मोबाईल हैल्थ टीम क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्र पर स्क्रीनिंग करने पहुंची तो बच्चे की इस बीमारी का पता चला। टीम के डॉ रिज़वान अली, जीएनएम प्रमोद वर्मा व फार्मासिस्ट उमेश सेन ने बच्चे को इलाज के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा रेफर किया जहां 10 मार्च को डॉ. राहुल गुप्ता और उनकी टीम ने सर्जरी कर बच्चे को इस दुर्लभ बिमारी के दर्द से निजात दिलाई।
बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से अब छूट्टी भी मिल गई है। बच्चे के पिता जुम्मा खान का कहना था कि परिवार की आर्थिक स्थति मजबूत नही होने के कारण वे बच्चे का इलाज करा पाने में सक्षम नही थे। ऐसे में उनके बच्चे का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इलाज निःशुल्क हो जाने से अब उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नही है।


आरसीएचओ ने बताया कि आरबीएसके में चिन्हित इस बीमारी का कोटा जिले मे यह पहला केस है। बच्चों में यह जन्मजात बीमारी मुख्यतः गर्भवती महिला में गर्भ धारण के दौरान फोलिक एसिड की कमी की वजह से होती है। उन्होने बताया कि कार्यक्रम के तहत बच्चों में जन्मजात न्यूरल टयूब व हृदय रोग समेत कटे-फटे होंठ व तालू, मुड़े हुए पैर, कान बहने, दन्त रोग और मोतियाबिंद का भी निःशुल्क इलाज करवाया जाता है। तथा कमजोर नेत्र व दृष्टि दोष वाले बच्चों के चश्मे भी बनाकर दिये जाते हैं। आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर दिलीप कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिले में 12 मोबाईल हैल्थ टीमे काम कर रही हैं। ये टीमें सरकारी स्कूलों, मदरसों एवं आंगनबाड़ी केंद्रो पर जाकर 18 वर्ष तक उम्र के बच्चों मे पाई जाने वाली मुख्यतः 38 बीमारियों की स्क्रीनिंग कर रही है। जिसमें बीमार पाए जाने वाले बच्चों को चिन्हित कर सरकारी व उच्च श्रेणी के सम्बद्ध निजी चिकित्सालयों में रैफर कर निःशुल्क उपचार करवाया जा रहा है। फोटो 2 - बच्चे की सर्जरी से पहले एवं बाद में।
बोलने और सुनने में असमर्थ 5 साल तक के बच्चों में कॉक्लियर इम्प्लांट का ऑपेरशन अब एमबीएस हॉस्पिटल में निःशुल्क होगया। बोलने और सुनने में असमर्थ 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में कॉक्लिियर इम्प्लांट का आपरेशन अब कोटा में ही एमबीएस चिकित्सालय में निःशुल्क होगा। जिसका खर्च 8 से 10 लाख रुपये का आता है। साथ ही अस्पताल में ऐसे बच्चो को स्पीच थेरेपी भी दी जाएगी। आरसीएचओ डॉ एमके त्रिपाठी ने बताया कि आरबीएसके में चिहिन्त ऐसे 5 वर्ष तक के बच्चों का इलाज भी अब एमबीएस चिकित्सालय में निःशुल्क करवाया जा सकेगा। उन्हाने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चो को एमबीएस चिकित्सालय के रूम नम्बर 124 में जाकर मिलना होगा।

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