विश्व कविता दिवस "गंगा तुम बहती क्यों हो"

( 20367 बार पढ़ी गयी)
Published on : 23 Mar, 18 13:03

विश्व कविता दिवस "गंगा तुम बहती क्यों हो" हिंदी कवि सम्मेलन एवं विमर्श” का आयोजन
डॉ.प्रभात कुमार सिंघल/कोटा के राजकीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा में विश्व कविता दिवस के मौके पर भारत सरकार के “ एक भारत श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के अंतर्गत “ असमी – हिंदी कवि सम्मेलन एवं विमर्श” का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ शुरुआत मां सरस्वती की आराधना एवं दीप प्रज्ज्वलन एवअतिथी कवियों के माल्यार्पण के साथ सम्पन्न हुआ।
भारत का बांग्लादेश में हिंदी का प्रतिनिधित्व कर हाल ही में लौटी शिक्षिका डा. अर्पणा पाण्डेय ने असम के जाने – माने गीतकार ,संगीतकार, फिल्म निर्माता एवं कवि भुपेन्द्र हजारिका की प्रख्यात कविता “ गंगा तुम बहती हो क्यों ” का भावार्थ सहित कविता पाठ किया। मुख्य अतिथि श्री मुकुट मणिराज ने कविता पाठ की महता बताते हुए अपनी रचना “मेरे हिस्से की भी मुझको प्रेम प्याली देदेना ,कर की ताली मत देना पर मन की ताली दे देना “सुनाया | डॉ ओम नागर ने “मुश्किल दिनों में जामुन” तथा “जब सिकुड़ता चला जा रहा हो मछलियों का आँगन ,तब बगुले भी नहीं करते जल्दबाजी”सुना कर जल संरक्षण का सन्देश दिया| कवि शकूर अनवर ने कहा राजनीती जब जब गिरती है साहित्य बचा लेती है|” जो रहबर है वही रहजन भी ,एक चेहरे में ये किरदार कहाँ ते पहले”सरीखे शेर की पंक्तियाँ सुनकर सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया | कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि श्री अरविन्द सोरल ने काव्य जगत के संरक्षण और सम्मान की चर्चा करते हुए कहा की रौशनी की संभावना हर जगह है ,”मन को बस मीरा करना था बाकी सब आसान था” |सौन्दर्य रस के कवि राम नारायण हलधर ने “स्त्रियों को जन्म लेने दो उनके जन्म लेने से उर्वरा होती है खेतों की मिट्टी”सुनाकर नारी सशक्तिकरण का सन्देश दिया| कवि सलीम अफरीदी ने “दुरंगे लोग तिरंगे की बात करते है,गैरों से मिलकर अपनों की बात करते है “सुनाया वही कृष्णा कुमारी ने” सीमाओं में बांध लूँ कैसे अपना प्यार,मुझको तो प्यारा लगे सारा ही संसार”|नवोदित कवि राम शर्मा ने “बिटिया ने पुछा पापा ये बलात्कार क्या होता है “पर काव्य पाठ किया| प्रोफेसर डा. विवेक मिश्र ने कहा की कविता किसी जादू से जन्म नहीं लेती भाषा और भाव के सम्मान से कविता जन्म लेती है|
प्रख्यात जनकवि महेंद्र नेह ,डॉ ग्यास फाईज , , सु श्री अभिलाषा थोलम्बिया , श्री वेद प्रकाश “ परकाश “, भगवती प्रसाद गौतम , सपना मीणा, के.बी दीक्षित ने भी कविता पाठ किया । कार्यक़्रम का संचलान साहित्य स्नेही श्रीमती सीमा घोष ने किया।
उदघाटन सत्र में अतिथियों को संबोधित करते हुये डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि “ देश की विविधता के बारे में व्यापक रूप से प्रसार करने के लिए इस बार विश्व कविता दिवस पर हमारे मित्र राज्य आसाम एवं राजस्थान के बीच सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं समाजिक गतिविधियों के विनमय का प्रयास किया गया हैं।
मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवि मुकुट मनिराज ,विशिष्ट अतिथि डॉ ओम नगर तथा शायर शकूर अनवर रहे | अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री अरविन्द सोरल ने किय। इस अवसर दिवंगत कवि केदारनाथ सिंह को श्रधान्जली अर्पित कर उनके काव्य सफर को याद किया गया | . “एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना की मिसाल कायम करते हुए कोटा के युवक अंकुर के द्वारा आसाम की युवती जो किसी घरेलु सिलेण्डर के विस्फोट से 12 वर्ष की आयु में दुर्घटना की शिकार हुयी थी , से विवाह कर अपनाये जाने पर प्रेस इंफोरमेशन ब्युरो से 2014 मे सेवानिवृत उनके पिता श्री रविन्द्र कुमार गुप्ता को पुस्तकालय प्रशासन द्वारा स्मृति मेडल प्रदान किया |
लाइब्रेरी के रीडर्स क्लब के अध्यक्ष श्री नीरज यादव ने अपने उदबोधन मे कहा कि ऐसी पहल से अन्य लोग भी इससे प्रेरणा ले सकेंगे ।
कार्यक़्रम का संचलान साहित्य स्नेही श्रीमती सीमा घोष ने किया| इस अवसर पर प्रख्यात जनकवि महेंद्र नेह ,डॉ ग्यास फाईज , , सु श्री अभिलाषा थोलम्बिया , श्री वेद प्रकाश “ परकाश “, भगवती प्रसाद गौतम , सपना मीणा, के.बी दीक्षित ने भी कविता पाठ किया ।
कार्यक्रम प्रभारी शशि जैन ने बताया कि असमी – हिंदी कवि सम्मेलन मे कवियों ने अपनी स्वरचित कविता सुनायी जिनमे राजस्थानी , असमी , उर्दु , अंग्रेजी,बंगला तथा अन्य भाषा मे थी । कार्यक्रम आयोजन में अजय सक्सेना , नवनीत शर्मा , सागर आजाद , इन्द्रकांत चौधरी , श्रीमति संतोष एवं श्रीमति क्रष्णा ने सहयोग किया ।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.