बाल विवाह रोकथाम हेतु एक अप्रेल को विशाल रैली

( 17316 बार पढ़ी गयी)
Published on : 23 Mar, 18 11:03

बाल विवाह रोकथाम हेतु एक अप्रेल को विशाल रैली बाल विवाह रोकथाम हेतु एक अप्रेल को विशाल रैली
झालावाड,राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देषानुसार बाल विवाह रोकथाम हेतु विषेश अभियान के संबंध में गुरूवार को जिला एवं सेशन न्यायाधीश झालावाड डॉ. राजेन्द्र सिंह चौधरी की अध्यक्षता में उनके चैम्बर में बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान जिला एवं सेशन न्यायाधीश डॉ. राजेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक कुरूति है जिससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास अवरूद्ध हो जाता है। हम सबको मिलकर इस सामाजिक बुराई से जिले को मुक्त करना है। इसके लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा विशेश अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इसी सन्दर्भ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक अप्रेल, २०१८ को बाल विवाह की रोकथाम हेतु आमजन को जागरूक करने के लिए स्काउट्स, एनएनएस सहित बीएड, नर्सिंग, पॉलिटेक्निक कॉलेजए आईटीआई के छात्र-छात्राओं, आंगनबाडी कार्यकताओं, सहायिकाओं, संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रैली का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय से गढ परिसर स्थित राजस्थान भारत स्काउट गाईड कार्यालय तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया (आखा तीज) तथा ऐसे कई अन्य अबूझ सावों पर बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम २००६ में दण्डात्मक प्रावधान होने के बावजूद भी नन्हे-मुन्ने बालकों के बाल विवाह हो रहे हैं। बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम २००६ की प्रभावी क्रियान्वयन हेतु इस वर्श विवाह के दौरान काम आने वाली संस्थाएं टेन्ट हाऊस, बैण्ड-बाजा, हलवाई, लाईटिंग, मेरिज गार्डन, पण्डित, प्रिंटिंग प्रेस व्यवसायी एवं विवाह संबंधी सामान विक्रय करने से जुडे व्यवसायी आदि की बैठक आयोजित कर उन्हें बाल-विवाह पर पूर्णतः जिले में रोक लगाने हेतु पाबंद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई भी प्रिंटिंग प्रेस व्यवसायी बगैर वर-वधू की जन्मतिथि का अंकन करते हुए विवाह निमंत्रण-पत्र का प्रकाशन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह करने वाले परिवार को भी राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा देय सुविधाओं से वंचित करने का निर्णय भी बैठक के दौरान लिया गया। इसके साथ-साथ उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खुशाल सिंह राजपुरोहित को निर्देशित किया कि वे जिले के बीट कान्स्टेबल्स को उनके क्षेत्र में बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करें अगर किसी बीट कान्स्टेबल के क्षेत्र में बाल-विवाह होना पाया जाए तो उस बीट कान्स्टेबल के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच, पंचायत समिति स्तर पर विकास अधिकारी तथा उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारियों द्वारा बाल-विवाह रोकने के संबंध में उनके अधीनस्थों की बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी अतिरिक्त जिला कलक्टर भवानी सिंह पालावत को दिए। उन्होंने सामूहिक विवाह सम्मेलन करने वाले उन सभी गैर सरकारी संगठनों से कहा है कि वे किसी भी स्थिति में नाबालिगों का विवाह न कराएं। अगर किसी भी संस्था द्वारा बाल-विवाह कराए जाने की जानकारी प्राप्त होती है तो इसके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस दौरान बाल-विवाह की रोकथाम हेत जागरूकता लाने हेतु निबन्ध, चित्रकला प्रतियोगिता, नुक्कड नाटक आदि आयोजित करने का निर्णय भी बैठक में लिया।
बैठक में जिला परिशद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीएल मीणा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट झालावाड स्वाति शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव हनुमान सहाय जाट, नगर परिशद् आयुक्त राजेन्द्र सिंह चारण, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी, महेश कुमार शर्मा, सीओ स्काउट दिलीप कुमार माथुर, महिला आधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मैरिंगटन सोनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.