'मरणो-धरणो':आश्वासन बाद अन्शन तोड़ा

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Published on : 20 Mar, 18 11:03

दिल्ली के रामलीला मैदान में आखिरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आमरण अनशन शुरू हो गया। वयोवृद्ध राजस्थानी साहित्यकार मारवाड़ रतन देवकिशन राजपुरोहित की अगुवाई में बड़ी संख्या में मायड़ भाषा प्रेमी सुबह 11 बजे रामलीला मैदान में पहुंचे।

'मरणो-धरणो':आश्वासन बाद अन्शन तोड़ा नई दिल्ली दिल्ली के रामलीला मैदान में आखिरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आमरण अनशन शुरू हो गया। वयोवृद्ध राजस्थानी साहित्यकार मारवाड़ रतन देवकिशन राजपुरोहित की अगुवाई में बड़ी संख्या में मायड़ भाषा प्रेमी सुबह 11 बजे रामलीला मैदान में पहुंचे।इस दौरान जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारों के साथ आमरण अनशन शुरू हो गया।अनेक संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंचे।
किन्तु शाम को अर्जुनरामजी मेघवाल के साथ प्रतिनिधिमण्डल ने केन्द्रीय गृह मन्त्रि राजनाथ सिंहजी से मिला । उन्होँने प्रधानमंत्री जी से कल बात करने का भरोसा दिया तो राजस्थान संस्था संघ के सचिव के के नरेडा ने राजघाट पर देवकिशन जी को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया । पदम मेहता ने बताया कि राजनाथसिंह जी तथा अर्जुनरामजी मेघवाल के साथ प्रदेश के कुछ सांसद प्रधानमंत्री जी से कल इस बाबत मुलाक़ात करेंगे ।

इससे पूर्व दिन में जैन संत आचार्य लोकेश मुनि जी ने धरना स्थल पर कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि है इसका अब ज्यादा इम्तिहान मत लो।उन्होंने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि 11 करोड़ राजस्थानी अब हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते। वयोवृद्ध साहित्यकार देवकिशन राजपुरोहित ने कहा कि अब प्रदेशवासियों को राजस्थानी भाषा की मान्यता चाहिए। डॉ.भरत ओळा ने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। कार्यक्रम में राजस्थान संस्था संघ के सचिव के के नरेड़ा ने कहा कि वे राजस्थानी भाषा आंदोलन को हर संभव मदद करेंगे। संस्था के नवरत्न अग्रवाल ने कहा कि सभी प्रवासी राजस्थानी आंदोलन के साथ है । राजस्थानी मासिक मणक के सम्पादक पदम मेह्ता ने सांसदों से लगातार सम्पर्क की विस्तार से जानकारी दी ।
वरिष्ठ साहित्यकार जेबा राशिद, सत्यदेव सवितेन्द्र, फ़िल्म कलाकार अरविंद कुमार, जयप्रकाश सेठिया, गणपत चौहान, मनोज स्वामी , छात्र मोर्चा के संरक्षक उम्मद सिह सेतरावा, शंकर सिंह राजपुरोहित, प्रदेश अध्यक्ष रामरतन लटियाल, प्रदेश सचिव कप्तान बोरावड़, संयोजक गौरीशंकर निमिवाल, डॉ अशोक गहलोत, राजस्थानी व्याख्याता मनोहर लाल विश्नोई, जीवराज सिंह, परसराम भाटिया,शीतल सेठी, कमल डागा, रणजीत सहित आदि अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया । संचालन राजस्थानी पत्रकार गौतम अरोड़ा ने किया ।
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