अब एक नेत्रदान से रोशन होंगी दो आंखें

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Published on : 18 Mar, 18 14:03

कॉर्नियल ट्रांस्प्लांट सर्जरी पर दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आगाज - देशभर के नामी चिकित्सकों के सामने लाइव सर्जरी

अब एक नेत्रदान से रोशन होंगी दो आंखें उदयपुर। एडवांस लेमेरल केरेटोप्लास्टी ने नेत्र शल्य चिकित्सा की दुनिया में नई क्रांति ला दी है। इस सर्जरी ने समूचे चिकित्सा जगत को इस नई सोच का संबल और विकल्प दिया है कि बिना पूरा कॉर्निया बदले आंखें की खोई रोशनी लौटाई जा सकती है। इस क्रांतिकारी चिकित्सा विधा का शनिवार को उदयपुर में अलख नयन आई हॉस्पिटल प्रतापनगर व उदयपुर ऑफथेल्मोलॉजी सोसायटी के संयुक्त तवावधान में कॉर्नियल ट्रांस्प्लांट सर्जरी पर आरंभ हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शन किया गया।

अलख नयन आई इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एल. एस झाला ने बताया कि इस कांफ्रेंस में शनिवार को प्रतापनगर अलख नयन हॉस्पिटल पर लाइव सर्जरी के साथ ट्रेनिंग सेशन भी हुआ जिसमें देश के पांच नामी सर्जन ने प्रतिभागियों के सामने आठ साल के बच्चे की लाइव सर्जरी कर उसकी आंखों को फिर से खुशियों के इंद्रधनुष से रोशन कर दिया।

लाइव सर्जरी सेशन में डॉ. झाला ने देशभर से आए नामी नेत्र शल्य चिकित्सकों सहित उदयपुर के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सकों के समक्ष नेत्र चिकित्सा के नए क्षितिजों को रोशन किया। उन्होंने बताया कि अब तक आंखों की रोशनी लौटाने के लिए कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया जाता था मगर अब डीसेक व डीमेक व डाल्क सर्जरी के माध्यम से बिना पूरा कॉर्निया बदले ही सिर्फ कॉर्निया की खराब परत को प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसके कई फायदे हैं, एक तो कॉनिया बच जाता है व दूसरा एक नेत्रदान से दो से अधिक लोगों की आंखें रोशन की जा सकती है। यही चिकित्सा पद्धति अमेरिका व इंग्लैण्ड में काम में आ रही है। देश के चुनिंदा महानगरों व राजस्थान में जयपुर के बाद सिर्फ उदयपुर अलख नयन में इसका सफल उपयोग किया जा रहा है।

अलख नयन आई हॉस्पिटल के कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. नितिश खतोरिया ने बताया कि दस लाख लोगों को कॉर्निया के ऑपरेशन की जरूरत है, हमें नेत्रदान के प्रति जागरूकता को बढाकर जन-जन तक पहुंचाना है। इस अवसर पर सवाल-जवाब सत्र भी हुए। डॉ. झाला ने आह्वान किया कि नेत्रदान की प्रक्रिया बहुत आसान है, सिर्फ एक फार्म भरकर जमा करवाना होता है तथा मृत्यु के बाद परिजनों को फोन पर सूचनाभर देनी होती है। टीम घर आकर नेत्रदान करवाती है।

विभिन्न विषयों पर कोयम्बटूर के डॉ. के. एस. सिद्धार्थन, अम्बाला के डॉ. विकास मित्तल, मुम्बई के डॉ. जतिन आशर, अहमदाबाद के डॉ. आशिष नागपाल, अलख नयन आई हॉस्पिटल, उदयपुर के डॉ. नितिश खतोरिया सत्रों को संबोधित किया। नई उन्नत विधियों एवं प्रोद्यौगिकी पर चर्चा की गई। डॉ. झाला ने बताया कि सेमीनार के दूसरे दिन 18 मार्च को होटल हिल टॉप में पूरे दिन विभिन्न सत्र होंगे जिनमें देशभर के विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सा क्षेत्र में आ रहे बदलाव, उपचार के आधुनिकतम तरीकों, नए उपकरणों के साथ ही चिकित्सा पद्धतियों पर मंथन करेंगे। केमिकल इंजरी मेनेजमेंट ड्राई आई एसएलईटी, इंटरेस्टिंग केस ऑफ कॉर्नियल एंड एंटीरियर सेगमेंट पर चर्चा होगी।
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