सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती मिलनी चाहिए

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Published on : 16 Mar, 18 15:03

नई दिल्ली, राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने बताया है कि राजस्थान में अब तक 300 सैनिक स्कूलों के नाम उस क्षेत्र के शहीद सैनिको के नाम पर रखे गए है । इस वर्ष प्रदेश में 119 स्कूलों के नाम शहीदों के नाम रखे जा चुके है और ऐसे ही 90 स्कूलो के नाम विचाराधीन है
श्री देवनानी गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्राी श्री सुभाष रामराव भामरे की अध्यक्षता में आयोजित सैनिक स्कूल बोर्ड ऑफ गवर्नेन्स की बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
उन्होंने सुझाव दिया कि सैनिक स्कूलों में शहीदों के चित्रा के साथ साथ उनकी मूर्ति लगाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। ताकि भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। साथ ही नेशनल डिफेंस अकादमी (एन डी ए ) व सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती मिलनी चाहिए। इसके अलावा सैनिकों के बच्चों को एन डी ए में दो लाख रुपये के छात्रावृत्ति भी दी जानी चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि सैनिक स्कूलों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन भी किया जाना चाहिए। साथ ही बोर्ड ऑफ गवर्नेन्स की बैठक प्रति वर्ष की जाए।
श्री देवनानी ने सैनिक स्कूलों में रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करवाये जा रहे पी टी आईं शारीरिक शिक्षकों की संख्या दो से बढ़ा कर चार करने का भी सुझाव दिया। विशेष कर हॉर्स व म्यूजिक प्रशिक्षण के लिये पी टी आईं की प्राथमिकता तय की जाये। इस पर निर्णय लिया गया कि स्कूल प्राचार्य रिटायर्ड कर्मियों को लगाने के लिए अधिकृत होंगे।
झुंझनु में एक अप्रैल से कक्षायें होगी प्रारम्भ
श्री देवनानी ने बताया कि झुंझनु में स्थापित सैनिक स्कूल में आगामी एक अप्रैल से कक्षायें प्रारम्भ हो जायेगी। इस स्कूल के लिए राज्य सरकार जमीन पहले ही दे चुकी है और भवन सहित अन्य विकास कार्यो के लिए अब तक 35 करोड़ रु दिए जा चुके है। इसी प्रकार चित्तौड़गढ़ में प्रवेश के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। यह स्कूल इस वर्ष डाइट भवन में चलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 1.18 करोड़ रु खर्च किये है।
बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश के शिक्षा मंत्रियों के साथ ही सदस्य राज्यो के शिक्षा सचिव भी मौजूद थे।
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