नए कोर्स से एनरोलमेंट तो घटेंगे पर बढ़ जाएगा सीए का पैकेज

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Published on : 15 Mar, 18 15:03

पिछले साल एक जुलाई को सीए का नया कोर्स लागू हो गया था। इस साल मई में एग्जाम नए कोर्स के अनुसार होंगे। आईसीएआई की सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल के मेंबर प्रकाश शर्मा सोमवार को एक प्रोग्राम के सिलसिले में जोधपुर आए थे। उन्होंने सिटी भास्कर से खास बातचीत में नए कोर्स के इफेक्ट पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि नए कोर्स में फाउंडेशन (पहले सीपीटी) को थोड़ा टफ बना दिया है और जो सब्जेक्ट्स का डीप नॉलेज रखेगा वही इसे क्लियर कर पाएगा लेकिन आगे के लेवल ईजी होने से सीए बनने की प्रोबेबिलिटी बढ़ जाएगी। इसके अलावा सीए को मिलने वाले पैकेज भी लगभग दुगने हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दो-तीन सालों में स्टूडेंट्स की संख्या और भी घटेगी क्योंकि नए कोर्स की वजह से फाउंडेशन में ही कम स्टूडेंट्स आएंगे।
शर्मा ने बताया, कुछ एक्ट्स के साथ-साथ बाजार में हुए चेंजेज और बदलती वर्किंग कंडीशंस देखते हुए कोर्स को री-डिजाइन किया गया है। पहले सीपीटी ईजी था और आगे के लेवल टफ लेकिन अब हमने इसे रिवर्स कर दिया है। उन्होंने कहा कि जनरल इंग्लिश को फाउंडेशन में इसलिए जोड़ा गया है ताकि हिंदी माध्यम से सीए करने वाले भी आसानी से काम कर सकें। सीए का काम सौ फीसदी इंग्लिश में ही होता है और फाउंडेशन में इंग्लिश पढ़ने से स्टूडेंट्स को जॉब के दौरान आसानी होगी। उन्होंने कहा, नया कोर्स पास कर लेने के बाद स्टूडेंट्स का पैकेज लगभग दोगुना हो जाएगा। राजस्थान में अभी एक एवरेज स्टूडेंट का पैकेज 6 से 8 लाख है। हमारा मानना है कि नए कोर्स के बाद यह 10 से 12 लाख तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉमर्स फील्ड में आज भी सीए नंबर एक प्रोफेशन है। उन्होंने कहा कि टैक्स सिस्टम ट्रांसपेरेंट हो गया है और क्लेरिकल काम सॉफ्टवेयर्स में हो रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि सीए के रूटीन वर्क की जगह अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने ली है, लेकिन जिन सीए को फायनेंस, मार्केट और टैक्स का डीप नॉलेज है, वे कंसल्टेंसी में आ जाएंगे।
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