जरूरत पड़े तो अस्पतालों की रिपोर्ट की सीबीआई जांच करेंं : हाईकोर्ट

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Published on : 13 Mar, 18 11:03

जोधपुर के अस्पतालाें से जुड़ी रिपोर्ट में कई अनियमितताएं उजागर

अन्य मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति दे दी, जोधपुर में क्यों नहीं?
हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा, कि शहर के अस्पतालों से जुड़ी रिपोर्ट पड़ी है, इसमें कई अनियमितताएं उजागर हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच कराई जा सकती है। खंडपीठ ने यह टिप्पणी डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. अमीलाल भाट काे इस पद पर दुबारा एक्सटेंशन नहीं दिए जाने के आदेश के विरुद्ध दायर उनके प्रार्थना पत्र पर सोमवार को सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा है, कि अन्य मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल पद पर तो नियुक्ति दे दी, केवल जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति क्यों रोक रखी है? इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद मुकर्रर की है। कोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान शहर के अस्पतालों की दयनीय दशा को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। कोर्ट ने इसकी सुनवाई के दौरान ही डॉ. भाट काे सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन दिए जाने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही 8 नवंबर 2017 को जारी आदेश में उन्हें इस पद पर आगे एक्सटेंशन नहीं दिए जाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था, कि डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर डॉ. भाट को 31 दिसंबर 2017 के बाद एक्सटेंशन नहीं दें, क्योंकि उनके पुनर्नियुक्ति कार्यकाल में न तो खरीदे गए उपकरण लगाए गए और न ही मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर शुरू किए गए, जबकि राज्य सरकार ने इसके लिए बड़ा बजट स्वीकृत किया था। डॉ. भाट ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर एक्सटेंशन पर रोक लगाने का आदेश वापस लेने की गुहार की थी। सोमवार को सुनवाई की शुरुआत में डॉ. भाट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा ने पूर्व में दिया गया आदेश वापस लेने का आग्रह किया। एएजी शिवकुमार व्यास ने कहा, कि उन्हें अभी तक प्रार्थना पत्र की प्रति नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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