5 दिवसीय विशाल निःशुल्क आयुर्वेद न्युरोथेरेपी चिकित्सा शिविर उदयपुर में

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Published on : 10 Mar, 18 13:03

5 दिवसीय विशाल निःशुल्क आयुर्वेद न्युरोथेरेपी चिकित्सा शिविर उदयपुर में आगामी 17 व 18 मार्च को उदयपुर में अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला व इसी दौरान 16 से 20 मार्च तक 5 दिवसीय विशाल निःशुल्क आयुर्वेद न्युरोथेरेपी चिकित्सा शिविर -उदयपुर में आयोजित होगा। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक वैद्य शोभालाल औदिच्य ने बताया कि आयुर्वेद विभाग राजस्थान सरकार ,नेशनल आयुर्वेद स्टुडेन्टस एन्ड युथ एसोशियशन ,आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी व श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ,स्वयं सेवी संस्थाओ व जन सहयोग के संाझे में दिनांक 17 व 18 मार्च 2018 को डायबिटीज पर 2 दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कार्यशाला -प्रमेह मंथन ,प्रसिद्व आयुर्वेद नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य असित पांजा के निर्देशन में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन ,नाईयो की तलाई-उदयपुर में होगी जिसमें देश-विदेश के 300 से अधिक आयुर्वेद विशेषज्ञो का आना प्रस्तावित है , इसी कार्यशाला के दौरान कोटा के प्रसिद्व आयुर्वेद न्युरोथेरेपी विशेषज्ञ वैद्य मनोज शर्मा के निर्देशन में 5 दिवसीय विशाल निःशुल्क आयुर्वेद न्युरोथेरेपी चिकित्सा शिविर का आयोजन तेरापंथ भवन ,नाईयो की तलाई उदयपुर में दिनांक 16 मार्च 2018 से 20 मार्च 2018 तक प्रस्तावित है इस हेतु पुरे भारत वर्ष से 80 न्युरोथेरेपीस्ट सेवा के के लिए आयेंगे। पूर्व में भी डॉ. मनोज शर्मा के निर्देशन में इस तरह के न्युरोथेरेपी शिविरो का सफलता पूर्वक आयोजन उदयपुर में हुआ है हर शिविर के दौरान लगभग 3000 से अधिक रोगी लाभान्वित हुए हैं। वैद्य औदिच्य ने बताया कि इस शिविर के दौरान सर्वाइकिल स्पोंडिलाईटिस,सायटिका,फा्रेजन शोल्डर,जोईन्ट पेन ,कमर दर्द,घुटनो का दर्द,सर्वाइकिल स्पॉन्डिलाइटिस आदि का इलाज किया जायेगा।
उन्होने बताया कि वर्तमान में सम्पर्ण विश्व डायबिटीज से प्रभावित है व आधुनिक औषधियो के सीमित प्रभाव व दुष्प्रभाव के कारण अब जन समुदाय का इनसे मोह भंग होता जा रहा है ऐसे समय में समाज की आयुर्वेद से बहुत अपेक्षाए बढ गयी है इसी कारण इस विषय को गंभीरता से लेते हुए इस 2 दिवसीय प्रमेह मंथन-अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला में चिकित्सक व आमजन दोनो के ज्ञानवर्द्वन व जागरूकता के लिए सत्र रखे गये है।
नेशनल आयुर्वेद स्टुडेन्ट्स एण्ड युथ एसोशियशन के राजस्थान प्रान्त के अध्यक्ष वैद्य संजय माहेश्वरी ने बताया कि नस्या आयुर्वेद को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से व जनसेवा के लिए एक पंजीकृत संगठन है व पुरे भारत वर्ष में 25 से अधिक राज्यो में विभिन्न प्रकल्पो के माध्यम से सेवा कार्य कर रहा हैं।
उन्होने बताया कि इस कार्यशाला में 10 से अधिक देशो ,भारत के 10 से अधिक राज्यो व राजस्थान के प्रत्येक जिले से वैज्ञानिक, अध्यापक, चिकित्सक,शोधार्थी,छात्र-छात्राए व आम जन भाग लेंगे।


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