जिले में निषेधाज्ञा लागू

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Published on : 28 Feb, 18 11:02

राजमसन्द /जिला मजिस्ट्रेट पी.सी.बेरवाल ने जिले में विभिन्न त्यौहारों के अर्न्तगत होलिका दहन, धुलण्ड़ी, रंगपंचमी, शीतला सप्तमी,रंगतेरस/चौदस के पर्वो पर जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था एवं शान्ति एवं साम्प्रदायिक सद्भाव कायम रखने के लिए दण्ड़ प्रकिया संहिता, 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की राजस्व सीमा में निषेधाज्ञा मंगलवार रात्रि से लागू की है, जो 16 मार्च की मध्यरात्रि तक जारी रहेगी।
आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा के भीतर किसी भी तरह का विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय अस्त्र-शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, बन्दूक, एमएल गन, बीएल गन आदि एवं अन्य हथियार जैसे गण्ड़ासा फर्सी, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छूरी, कटार, बर्छी जैसे हथियार जो विधि द्वारा प्रतिबन्धित हथियार, मौटे घातक हथियार लाठी आदि सार्वजनिक स्थलों पर न तो धारण करेगा न ही कोई लेकर घुमेगा और न ही प्रर्दशन करेगा न ही साथ लेकर चलेगा, लेकिन वृद्व असाहय एवं बीमार व्यक्ति, जो बिना लाठी का उपयोग के सहारे नही चल सकते है, वे लाठी का उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए कर सकेगे।
इसी प्रकार सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को उनके धार्मिक परम्परा अनुसार कृपाण रखनेे की छूट रहेगी। यह आदेश डूट्टी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, राजस्थान सिविल अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नही होगा।
आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नही करेगा, न ही अन्य किसी को सेवन करवाएगा, या न ही मदिरा सेवन के लिए दुष्पप्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर मदिरा लेकर आवागमन नही करेगा। इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुचाने के उद्देश से उत्तेजनात्मक नारे नही लगाएगा। न ही पोस्टर पेम्पलेट आदि का उपयोग करेगा जिससे कि शान्ति व्यवस्था खराब हो। इसके अलावा एम्लीफार, रेडियों, टेप रिकार्डर, लाउडस्पीकर द्वारा दुष्पप्रचार नही करेगा।
इसके अलावा रंग इस तरह से खेलेग, जिसमें किसी के दूसरे सम्प्रदाय की भावना को ठेस नही पहुंचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान एवं दुकान वाहन पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नही फेकेगें एवं।इसी के साथ रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन धूल किचड़ ऑयल पेन्ट आदि का उपयोग नही करेगें।आदेश की अवहेलना या उल्लघंन किए जाने पर भारतीय दंड संहित की धारा 188 के तहते किया जाएगा।
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