नौनिहालों ने देखा तितलियों का रंगीन संसार

( 15255 बार पढ़ी गयी)
Published on : 25 Feb, 18 11:02

नौनिहालों ने देखा तितलियों का रंगीन संसार  सागवाड़ा(डूंगरपुर),वागड़ अंचल में पर्यटन विकास व पर्यावरण जागरूकता के लिए कार्य कर रहे ‘वागड़ नेचर क्लब तथा राजपूताना नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को सागवाड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर एक दिवसीय ‘बटरफ्लाई फेस्टिवल-2018’ का आयोजन किया गया। वन विभाग के सौजन्य से हुआ यह बटरफ्लाई फेस्टिवल राजस्थान में अपनी तरह का पहला आयोजन था जिसमें उपखण्ड मुख्यालय के विद्यालयों के 300 से अधिक नौनिहालों को तितलियों के रंगीन संसार से रूबरू होने का मौका मिला।
फेस्टिवल का शुभारंभ उप वन संरक्षक डॉ. एस.सारथ बाबू ने गलियाकोट मोड़ स्थित धनराज फार्म हाउस (नरीमन) पर एक पौधे को पानी देकर किया। इस मौके पर आयोजित समारोह में अहमदाबाद की तितली विशेषज्ञ डॉ. प्रतीक्षा पटेल, ‘राजपूताना नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, भरतपुर’ के डॉ. एस.पी.मेहरा, डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा, बांसवाड़ा के सहायक निदेशक (जनसंपर्क)कमलेश शर्मा, वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर दिनेश जैन आदि बतौर अतिथि मंचासीन थेे।
आरंभ में फेस्टिवल संयोजक व तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने राजस्थान व वागड़ अंचल में पाई जाने वाली तितलियों की प्रमुख प्रजातियों के बारे में प्रस्तुतीकरण देते हुए स्वागत उद्बोधन दिया।
इस मौके पर वागड़ नेचर क्लब के वीरेन्द्रसिंह बेड़सा, रूपेश भावसार, भरतपुर से डॉ. सरिता मेहरा व हिम्मत कुमार, अलवर से ओमवीर यादव, उदयपुर से प्रदीप कौशिक, क्लिन फाउण्डेशन डूंगरपुर से उरा शेखर, बांसवाड़ा से तितली विशेषज्ञ लखन खण्डेलवाल, गार्डनिंग एक्सपर्ट किशन बुनकर, एसीएफ फुरकान, क्षेत्रीय वन अधिकारी शांतिलाल चावला, पिरामल फाउण्डेशन के अक्सा जेदी और मलय दीक्षित सहित बड़ी संख्या में पक्षीप्रेमी मौजूद थे।
फेस्टिवल के सह संयोजक इलेश शर्मा व पंकज स्वर्णका के साथ वीरेन्द्र गोवाडि़या, गोपाल पंचाल, भरत भाटिया, अरूण सोमपुरा, जयेश भाटिया, सुनील गोवाडि़या, अमित गोवाडि़या, शर्मिला पंवार, दीपिका शुक्ला, विनोद गर्ग, किशोर भावसार आदि ने अतिथियों का स्वागत करते हुए फेस्टिवल की व्यवस्थाओं को संभाला।
तितलियों के रंगीन संसार देख अभिभूत हुए नौनिहाल:
राजस्थान में पहली बार आयोजित हो रहे इस फेस्टिवल में उपखण्ड मुख्यालय के 300 विद्यार्थियों को बटरफ्लाई की साईटिंग करवाई गई वहीं मौके पर ही सात बटरफ्लाई के जीवनचक्र का लाईव डेमो भी प्रदर्शित किया। फेस्टिवल के दौरान राजस्थान में पाई जाने वाली तितलियों पर आधारित एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें ‘राजपूताना नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, भरतपुर’ के डॉ. एस.पी.मेहरा, अहमदाबाद की तितली विशेषज्ञ प्रतीक्षा पटेल, इसरो में आए शोधार्थी धु्रवल भावसार व सागवाड़ा के मुकेश पंवार द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर्स दिनेश जैन(बांसवाड़ा), नेहा मनोहर (उदयपुर) द्वारा क्लिक किए गए वागड़ अंचल में पाई जाने वाली तितलियों के फोटो की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसे यहां पहुंचे अतिथियों और बच्चों ने बडे़ उत्साह से देखा।
74 देशों के 450 से अधिक टिकटों पर देखी तितलियां:
फेस्टिवल के मौके पर उदयपुर की ख्यातनाम डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा द्वारा तितलियों पर दुनियाभर के 74 देशों द्वारा तितलियों पर जारी किए गए 450 से अधिक डाक टिकटों की एक विशाल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था इस प्रदर्शनी में भारत में सबसे पहले 1981 में तितली पर जारी की गई डाक टिकट के साथ दस अन्य डाक टिकटों को देखकर प्रसन्नता जताई।
उड़ती रंगीन परियों को देख खुश हुए बच्चे:
फेस्टिवल के मौके पर शनिवार को बच्चों ने यहां 19 प्रजाति की तितलियों को देखा तो बड़े खुश हुए। तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने बताया कि इस दौरान टावनी कोस्टर, टीनी ग्रास ब्लू, इण्डियन स्कीपर, जेब्रा ब्लू, कॉमन ग्रास यलो, स्पोटलेस ग्रास यलो, लेसर ग्रास ब्लू, डार्क ग्रास ब्लू, कॉमन इमीग्रांट, मोटल्ड इमीग्रांट, लाईम, कॉमन रोज, प्लेन टाईगर, ब्लू पन्सी, ग्रे पन्सी, पियेरोट, ग्राम ब्लू, फॉरगेट मी नोट आदि प्रजातियों की तितलियांे को देखा और इसकी उपस्थिति दर्ज की गई।
वेनिका ने धरा तितली का वेश:
बच्चों में बटरफ्लाई फेस्टिवल के प्रति इस कदर उत्साह था कि आज सुबह से ही धनराज फार्म हाउस में चहकते बच्चों को मेला सा लग गया था। इस दौरान आर ड्रीम अकेडमी स्कूल सागवाड़ा की दूसरी कक्षा की छात्रा वेनिका पंवार तो तितली का वेश धारण कर यहां पहुंची। तितलियों की भांति फुदकती वेनिका आज दिनभर अन्य बच्चों के साथ अतिथियों के आकर्षण का केन्द्र रही।
साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.