लोकानुरंजन मेले में रंगारंग प्रस्तुतियाँ

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Published on : 23 Feb, 18 07:02

लोकानुरंजन मेले में रंगारंग प्रस्तुतियाँ उदयपुर भारतीय लोक कला मण्डल के ६७वें स्थापना दिवस का शुभारंभ दी परफोरमर्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुआ जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने रंगारग प्रस्तुतियाँ दी ।
कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के मानद सचिव, रियाज तहसीन ने मुख्य अतिथि- अर्जुन देव चारण, कार्यकारी अध्यक्ष- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय-नई दिल्ली एवं महापौर, उदयपुर, चन्द्र सिंह कोठारी का स्वागत किया एवं संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित करने के बाद कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ ।
निदेषक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर दिंनाक २२ से २४ फरवरी तक लोकनुरंजन मेले एवं दिंनाक २२ से २८ फरवरी तक षिल्प मेले का आयोजन होगा जिसमें विभिन्न राज्यो से आये लगभग ३५० लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देगें साथ हीं षिल्प मेले में विभिन्न क्षैत्रों के लगभग ४० षिल्पीयों द्वारा स्टॉल लगाई गई है, जिसमें देष के विभिन्न क्षेत्रों की षिल्पों की प्रदर्षनी एंव बिक्री की जा रही है ।

उन्होने बताया की कार्यक्रम में बाडमेर जिले का लंगा दल, डीग- भरतपुर का मयूर नृत्य, जोधपुर का कालबेलिया, उपलागढ का गरासिया, अलवर का भपंग गायन-वादन, बालोतरा का लाल आंगी गैर, पंजाब का भांगडा,जिन्दवा, हरियाणा का घूमर, उत्तरांचल का छपेली, तेलगांना का माधुरी तथा वोगू, डोलु, गुजरात का डांग, हिमाचलप्रदेष का किन्नोरिनाटी, चेन्नई का डम्मी होर्स और आंध्रप्रदेष का थप्पेटृा गुल्लु आदि लोक नृत्य लोकानुरंजन मेले के मुख्य आकर्शण रहे ।

षिल्प मेले में आजमगढ (उ.प्र.) की बनारसी साडी, कोटा की कोटा डोरिया साडी, जयपुर के पत्थरों के आभूशण, आसाम की षिल्प वस्तुऍ, पष्चिमी बंगाल की बॉटिक कला, मोलेला (राजसमन्द) के मिटृी के खिलोने, पंजाब की जूतियॉ, गाजियाबाद की सींग और हड्डी से बनी वस्तुएं, जयपुर की लाख की चूडया, भोपाल के लकडी के खिलोने, प. बंगाल के बम्बू और ड्राय फ्लावर, जयपुर की ब्लोक प्रिंट से बनी षिल्प वस्तुऍ मेले का मुख्य आकर्शण है ।
उन्होने यह भी बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री स्व. देवीलाल सामर द्वारा लोकानुरंजन मेले की षुरूआत की गई थी जिसका मुख्य उद्धेष्य देष की लोक कलाओं, कठपुतली कलाओं, आदिम एंव लोक संस्कृति को षिक्षण द्धारा पुनर्जीवीत, संरक्षित, प्रोत्साहित करना तथा लोक कलाओं और लोक कलाकारों को मार्गदर्षित और प्रषिक्षित कर उचित दिषा प्रदान करना था।
संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन ने बताया की ये आयोजन कला एवं संस्कृति विभाग-राजस्थान सरकार, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय-नई दिल्ली, संगीत नाटक अकादमी-नई दिल्ली, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी-जोधपुर, गुजरात संगीत नाटक अकादमी-गांधी नगर, भाषा एवं संस्कृति विभाग- तेलंगाना सरकार, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र-पटियाला, उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र-इलाहाबाद, दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र-तन्जावुर, युवक सेवा एवं सास्कृतिक प्रवृति विभाग, गुजरात सरकार, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया- न्यू फतेहपुरा शाखा-उदयपुर, दि परफोरमर्स- उदयपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है ।




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