सोलर परियोजनाओं पर छूट की अवधि बढ़ी

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Published on : 20 Feb, 18 11:02

पवन ऊर्जा परियोजनाएं भी छूट के दायरे में

नई दिल्ली। सरकार ने सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए शुल्क छूट की अवधि बढ़ा दी है। इसके तहत अब 31 मार्च 2022 तक चालू होने वाली सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए राज्यों के बीच बिजली पारेषण शुल्क और नुकसान से छूट मिलेगी। स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढञ्/ावा देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है।इससे पहले, सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए यह छूट क्रमश: 31 दिसम्बर 2019 तथा 31 मार्च 2019 तक उपलब्ध थी। बिजली मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, ‘‘31 मार्च 2022 तक चालू होने वाली सौर तथा बिजली परियोजनाओं से उत्पादित बिजली की बिक्री के लिए राज्यों के बीच पारेषण पण्राली के माध्यम से विद्युत पारेषण पर अंतर-राज्यीय बिजली पारेषण शुल्क और नुकसान से छूट दी जाएगी।’परियोजनाओं को यह छूट परियोजना चालू होने की तारीख से 25 साल तक के लिए मिलेगी। लेकिन इसके लिए शर्त है कि संबंधित कंपनियों ने बिजली वितरण कंपनियों समेत दूसरी इकाइयों के साथ बिजली खरीद को लेकर खरीद समझौता किया हो। 13 फरवरी 2018 को जारी आदेश के अनुसार यह छूट केवल उन्हीं परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होगी जिसे केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये आवंटित किया गया हो।इससे पहले, बिजली वितरण कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए प्रोत्साहन उपलब्ध नहीं हो। इससे ऐसी परियोजनाओं से स्वच्छ ऊर्जा खरीदने वाली अन्य इकाइयां नुकसान में रहती थी। अब उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। केंद्र ने अक्षय ऊर्जा स्रेतों से वर्ष 2022 तक 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से यह आदेश महत्वपूर्ण है। फिलहाल देश की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 62,840 मेगावाट है।
द 31 मार्च 2022 तक शुरू होने वाले प्रोजेक्ट को मिलेगी छूटद इसस पहले 31 दिसम्बर 2019 तक रखी गई थी छूट की अवधिद प्रोजेक्ट चालू होने की तारीख से 25 साल तक मिलेगी यह छूट

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