उच्च रक्तचाप की दवा रोक सकती है टाइप वन मधुमेह का खतरा

( 12432 बार पढ़ी गयी)
Published on : 18 Feb, 18 11:02

एक अध्ययन में पता चला है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में काम आने वाली एक आम दवा ‘‘टाइप वन मधुमेह’ के खतरे को 60 प्रतिशत तक कम कर सकती है। ‘‘जरनल ऑफ क्लीनिकल इंवेस्टिगेशन’ में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार ‘‘मिथाइलडोपा’ का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं और बच्चों में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कम से कम 50 वर्षो से किया जा रहा है। विश्व स्वास्य संगठन की अनिवार्य दवाओं की सूची में इसका नाम शामिल है। अनेक दवाओं का इस्तेमाल केवल एक ही बीमारी में किया जाता है, लेकिन अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि यह बिल्कुल भिन्न परिस्थिति में भी कारगर है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो एंसशट्ज मेडिकल कैंपस के आओरॉन मिशेल्स ने कहा, ‘‘इस दवा के जरिए हम टाइप वन मधुमेह की जद में जाने के खतरे को कम से कम 60 फीसदी तक कम कर सकते हैं।’ मिशेल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण खोज है। टाइप वन मधुमेह होने के खतरे का सामना कर रहे 60 प्रतिशत लोगों में डीक्यू 8 अणु होता है जो मधुमेह होने की संभावना बढ़ा देता है। अनुसंधानकर्ताओं का मनना है कि अगर वे अणु को बाधित कर दें तो टाइप वन मधुमेह को भी होने को रोका जा सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने सुपर कंप्यूटर में हजारों दवाओं का परीक्षण करने के बाद पाया कि मिथाइलडोपा ने न केवल डीक्यू 8 को बाधित किया बल्कि अन्य कोशिकाओं की प्रतिरोधी पण्राली को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इस अनुसंधान में कम से कम 10 वर्ष का समय लगा।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.