भारत का राजकोषीय घाटा संतुलित रपट

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Published on : 17 Feb, 18 12:02

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारत द्वारा अपने वार्षिक आम बजट में रखे गए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का स्वागत किया है। नियंतण्र वित्तीय एजेंसी ने कहा कि देश राजकोष सुदृढ़ीकरण के रास्ते पर लौट रहा है। अपने पाक्षिक पत्रकार सम्मेलन में मुद्राकोष के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि हम वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 फीसद पर रखे जाने का स्वागत करते हैं। यह भारत में आर्थिक सुधार को सहयोग देने वाले कदमों को ध्यान में रखते हुए राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के पथ पर वापस लौटना है।’उन्होंने कहा कि बजट में रखा गया राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 2017 और 2018 में अनुमान लगाए गए घाटे से थोड़ा ही कम है और मुद्राकोष ने भी इसी की सिफारिश की थी। राइस ने कहा कि हमारा मानना है कि बजट में कर संग्रहण अर्थव्यवस्था में लेनदेन के मूल्य से ज्यादा तेजी से करने का अनुमान लगाया गया है। यह दिखाता है कि सरकार का आकलन है कि वह समान आय और उपभोग से ज्यादा कर संग्रहण कर पाने में सक्षम होगी। हालांकि उन्होंने ध्यान दिलाया कि वर्ष 2017 में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का कुछ ही अनुपालन हुआ। यदि इसे लागू करने में यह समस्याएं बनी रहती हैं तो कर संग्रहण बजट के अनुमान से कम रह सकता है।
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