प्रभु से प्रेम करने वालों पर बरसती है कृपा

( 12287 बार पढ़ी गयी)
Published on : 14 Feb, 18 20:02


उदयपुर। आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि जिस प्रकार सुखी धरती पर बादल के बरसने से वह हरी-भरी व तृप्त हो जाती है ठीक वैसे ही प्रभु भक्ति करने से उसके जीवन में धर्मव६ाार् होती है।
वे आज आदिनाथ भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपया अचिन्त्य है। उन्होंने कहा कि देवताओं के सुन्दर कंातिमय शरीर रूप से भी प्रभु की वीतराग स्वरूप अत्यन्त मनोहारी एवं आक६ार्क लगता है। एक बार प्रभु के दशर्न करने पर किसी अन्य के दशर्न करना पसन्द नहीं करेंगे। संसार में भी पद,धन,गुण की प्रधानता है। संासर में गुणों की पूजा होती है न कि मनु६य की।
उन्होंने कहा कि अहंकारी व्यक्ति धर्म की राह में रोडे अटकाता है।जातिवाद, पंथवाद, पक्षपात, संतवाद की दिवारें है। वह व्यक्ति कहंी अच्छे स्थान पर नहीं जा सकता है। जो व्यक्ति अहम की दिवारें हटाकर नदी की तरह हर परिस्थिति में आगे बढता है, वह परमात्मा रूपी सागर में मिल जाता है।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.