एक लाख पार्थिव शिवलिंग व नवग्रहों के हुए अनुष्ठान

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Published on : 14 Feb, 18 16:02

एक लाख पार्थिव शिवलिंग व नवग्रहों के हुए अनुष्ठान निम्बाहेडा- मेवाड के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेद पीठ परिसर में महाशिवारात्री के पावन अवसर पर एक लाख पार्थिव शिवलिंग तथा आदमकद पार्थिव नवग्रह की स्थापना कर वैदिक विधान के अनुसार विविध अनुष्ठान किये गये। ठाकुर जी की संध्या महाआरती के पश्चात् शिवोपासना के रूप में किये जा रहे अनुष्ठानों के बीच एक ओर ठाकुर जी का शिव स्वरूप दूसरी ओर पार्थिव शिवलिंगों के साथ नवग्रहों की आकर्षक प्रतिमाएं श्रद्धालुओं के लिए द्विगुणित आकर्षण का केन्द्र रहीं। जहां २५० से अधिक यजमानों द्वारा भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र की गूंज के बीच भगवान आशुतोष का नमक-चमक के साथ महारूद्राभिषेक करते हुए प्रथम बार कल्याण नगरी में एक दिन में केसर से रचित ओम नमः शिवाय मंत्र को सदाशिव को भेंट कर भक्तों ने समाज, परिवार और राष्ट्र में सुख शांति के साथ वैदिक विश्वविद्यालय की पूर्णता की कामना की गई। ठाकुर जी की प्रेरणा से पार्थिव शिवलिंगों के साथ उन्हीं के अंश के रूप में नवग्रहों की प्रतिमाएं बनाकर उनकी विशेष पूजा अर्चना करते हुए सभी भक्तों पर किसी भी स्थिति में ग्रहों का दुष्प्रभाव पडने के बजाय सभी को आनन्द की अनुभूति हो इस भावना के साथ उनके भी विविध मंत्रों से अनुष्ठान किये गये। इस दौरान गंगाजल, दूध, दही, फलो का रस, गन्ने का रस, घी, शक्कर, तेल, बील्व रस सहित भगवान शिव को प्रिय ३१ पदार्थों से उनका महारूद्राभिषेक करते हुए भक्तों ने सभी प्रकार के सूखें मेवे, आक, धतूरा, बिल्व पत्र, लोंग, इलायची, सुपारी, मिष्ठान सहित २१ प्रकार की सामग्री से मंत्र जाप करते हुए सहस्त्रार्चन किया। मध्यरात्री के बाद तक चले विविध अनुष्ठानों में शीत लहर के बावजूद भक्तों की श्रद्धा और उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान यजमानों के साथ बडी संख्या में अन्य श्रद्धालु भी मौजूद थे वहीं दिनभर दूरदराज से आये कल्याण भक्त अपने आराध्य श्री ठाकुर जी के दर्शनों के लिए उमडते रहे। वेद पीठ के प्रवक्ता ने बताया कि ठाकुर जी की प्रेरणा से पार्थिव शिवलिंगों एवं नवग्रह की प्रतिमाओं के साथ एक लाख केसर रचित पंचाक्षरी मंत्रों को संग्रहित कर रखते हुए वैदिक विश्वविद्यालय में बनने वाले अनूठे ग्रंथागार की नींव में वैदिक विधान के साथ स्थापित कर यह कामना की जायेगी कि इस विश्व विद्यालय का ग्रंथागार वैदिक संस्कृति एवं पौराणिक ग्रन्थों की दृष्टि से विश्व का अद्वितिय ग्रन्थागार बन सके। जिसके लिए ठाकुर जी सहित भगवान शिव को भी विशेष आराधना की गई। शिव अनुष्ठान में वेद पीठ के आचार्य, बटुकों, वीर वीरांगनओं, कृष्णा शक्ति ग्रुप सहित बडी संख्या में कल्याण भक्तों नगर वासियों ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया।


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