आधार से मिला बिछड़ा लाल

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Published on : 14 Feb, 18 12:02

झालावाड़ , भारत सरकार ने वर्ष 2009 में आधार एक्ट बनाकर जब इस योजना का शुभारम्भ किया तो किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि आधार दिनेश जैसे अनेक बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने का आधार बन जाएगा। मंगलवार को सुबह दिनेश के पिता लल्लू प्रसाद जब बाल सम्प्रेषण गृह पहुंचे तो वे समिति के अध्यक्ष मुकेश उपाध्याय के चरणों मे गिर गए और कहा कि ईश्वर के रूप में आज आपको देखा है जिसने एक वर्ष तक मेरे बच्चे को अपने पास रखा और परिजनों का पता लगाने के लिए निरन्तर एक वर्ष तक प्रयासरत रहे।
दिनेश के पिता मंगलवार को झालावाड़ पहुंचे और जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी से मिले तथा जिला कलक्टर का धन्यवाद करते हुए अनायास ही उनके मुंह से शब्द निकले ‘‘अरे शाहाब आपका बहुत-बहुत शुक्रिया’’ और वह भावुक हो गए। इसके पश्चात् जिला कलक्टर के कक्ष में बाल कल्याण समिति ने बालक दिनेश को पिता लल्लू प्रसाद को सुपुर्द किया। इस दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्य शहजाद गौरी, दीपक गौतम एवं शारिक बेग मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि गत 25 फरवरी 2017 को दिनेश अपने परिवार से बिछड़ गया था तथा किसी प्रकार वह झालावाड़ पहुंच गया। यहां पर वह खानपुर रोड़ पर ईंट भट्टे पर काम करने लगा। बाल श्रम मुक्ति अभियान के अन्तर्गत उसे वहां से मुक्त कराकर सम्प्रेषण गृह में रखा गया। वह यहां की भाषा से अपरिचित था एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा पूछने पर भी वह अपने माता-पिता का नाम भी नहीं बता पा रहा था। बार-बार पूछताछ करने पर वह केवल एक ही शब्द बोलता था ‘‘टहनी-टहनी’’।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मुकेश उपाध्याय ने बताया कि दिनेश की पहचान जानने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन सबसे बड़ी समस्या उसकी भाषा थी। उसको अटल सेवा केन्द्र ले जाकर उसका 8 बार आधार वेरिफिकेशन कराया गया। ईंट भट्टे पर काम करने की वजह से उसके हाथों के फिंगर प्रिंट बॉयोमेट्रिक नहीं हो पा रहे थे। परन्तु झालावाड़ में सम्प्रेषण गृह में उचित देखभाल और ईंट भट्टों में काम न करने से उसके हाथों की रेखाएं पुनः उभर आई और 9वीं बार जब उसका आधार वेरिफिकेशन कराया गया और जैसे ही प्रोेसेस पूरा हुआ तो उसकी पहचान दिनेश पुत्र लल्लू प्रसाद ग्राम पंचायत टेनशाह आलमाबाद तहसील मंझनपुर जिला कौशाम्बी उत्तर प्रदेश निकल कर आई। समिति के अध्यक्ष ने कौशाम्बी उत्तर प्रदेश के बाल कल्याण समिति के डॉ. चांवला और एसपी से सम्पर्क किया। इस पर एसपी ने एक इन्स्पेक्टर नियुक्त किया और नियुक्त इन्स्पेक्टर जब दिनेश के घर के पते पर पहुंचे तथा उसके माता-पिता को दिनेश के बारे में झालावाड़ में होने की बात बताई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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