बजट में राज्य सरकार ने बांसवाड़ा को दी अपूर्व सौगातें

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Published on : 14 Feb, 18 08:02

बांसवाड़ा को सर्वतोमुखी विकास और राहत देगा बजट

बांसवाड़ा, मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा सोमवार को प्रस्तुत किए गए बजट भाषण में बांसवाड़ा जिले को सर्वतोमुखी विकास के लिए बहुत सी सौगातें प्रदान की है। इन घोषणाओं से समूचे जिले में खुशी की लहर व्याप्त है।
बजट घोषणाओं पर प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने हर्ष जताया है और कहा है कि इन समस्त घोषणाओं से जिले को विकास के नवीन आयाम प्राप्त होंगे। उन्होंने इसे लोकहितकारी और सभी वर्गों को राहत देने वाला बजट बताया। संसदीय सचिव भीमाभाई ने भी मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट को जनजाति क्षेत्र के लिए राहतभरा बजट बताया है और इससे किसानों और आमवर्ग को बहुत सी राहत प्राप्त होने के लिए खुशी जताई।
बजट में बांसवाड़ा को ये सौगातें मिली:
राज्य बजट घोषणा में बांसवाड़ा जिले में अनास नदी पर बांध निर्मित कर वर्तमान माही बांध से सिंचित 35 हजार हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है। एक हजार करोड़ की लागत वाली इस परियोजना से माही बांध के 7.24 टीएमसी पानी की बचत होगी, जिसे अन्यत्र सिंचाई एवं पेयजल के लिए काम में लिया जाएगा।
इसी प्रकार एक अन्य घोषणा में माही बांध से अपर हाईलेवल केनाल निकालकर बांसवाड़ा के सज्जनगढ़, बागीदौरा एवं गांगड़तलाई के 26 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के सृजन हेतु 2 हजार करोड़ की परियोजना की भी घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माही बांध के दांयी ओर से 265 किलोमीटर लंबी हाईलेवल केनाल नागलिया पिकअप वियर से होती हुयी वरदा तक बनाकर जाखम बांध के 28 हजार हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी, जिसमें जाखम बांध का 5 टीएमसी पानी बचेगा। साथ ही प्रतापगढ़, डूंगरपुर एवं उदयपुर जिलों में लगभग 17 हजार हैक्टेयर नये क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का सृजन होगा। इस परियोजना की संभावित लागत 2 हजार 200 करोड़ है।
उन्होंने बताया कि माही बजाज सागर में पर्याप्त पानी उपलब्ध है, जिससे जयसमंद झील को केनाल एवं लिफ्ट के द्वारा भरकर समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल की स्थायी व्यवस्था की जा सकती है। दस लाख से अधिक शहरी एवं ग्रामीणजन को लाभ पहुंचाने के लिए माही हाई लेवल केनाल टू जयसमंद ड्रिंकींग वाटर प्रोजेक्ट पर 450 करोड़ का व्यय होना संभावित है।
मुख्यमंत्री ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र के 1 लाख 70 हजार 660 किसान जिनके घरों पर विद्युत कनेक्शन नहीं है, उन्हें सोलर लैंप देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र के 5 जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही तथा बारां जिले की किशनगंज एवं शाहबाद तहसीलों के जनजाति, गैर-जनजाति बीपीएल एवं अन्त्योदय परिवार के किसानों को खरीफ 2018 में मक्का की अधिसूचित संकर किस्मों के 8 लाख बीज मिनिकिट्स का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। जिस पर आगामी वर्ष में 14 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में 520 नवीन माँ-बाड़ी केन्द्र शुरू कर 15 हजार 600 बालक-बालिकाओं को शिक्ष से जोड़ा है तथा 1 हजार 339 माँ-बाड़ी केन्द्रों/डे-केयर सेंटर्स पर गैस कनेक्शन प्रदान किये हैं। माँ-बाड़ी केन्द्रों की सफलता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार 1 हजार नवीन माँ-बाड़ी केन्द्र मय गैस कनेक्शन प्रारम्भ करने की घोषणा की गई। इन नवीन केन्द्रों पर प्रतिवर्ष 36 करोड़ व्यय कर 30 हजार बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा।
प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं के लिए डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं बांसवाड़ा में 100 छात्राओं की क्षमता के एक-एक बहुद्देश्यीय छात्रावास की स्थापना पर 12 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाड़ा में अध्ययनरत जनजाति छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु पृथक-पृथक दो छात्रावासों का निर्माण करवाया जाएगा। इस पर लगभग 8 करोड़ का व्यय होना संभावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में संचालित 5 खेल छात्रावासों को 5 करोड़ का व्ययकर स्पोर्ट्स एकेडमी के रूप में अपग्रेड कर एक खेल विशेष के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार किया जाएगा।
जनजाति क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के विकास हेतु 12 एनिकटों-माण्डवा खापरड़ा, पंचकुंडी, जाफरा-डूंगरपुर, कुंडला महुडीवाड़ा, सरवटवाला नाला, उमरीवाला नाला और चिरोवाली-बांसवाड़ा, धोलीगार, चूलीकानाका और आकोलाकानाका-उदयपुर, मोटा धामनिया-प्रतापगढ़ का निर्माण एवं जीर्णोद्धार तथा 6 नहरों-मेवाड़ा लघु सिंचाई परियोजना का विस्तार एवं जीर्णोद्धार किए जाने की घोषणा की गई। इस योजना से 2 हजार किसानों की 1 हजार 200 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इन निर्माण कार्यों पर लगभग 20 करोड़ का व्यय होगा।
इसी प्रकार जनजाति क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विकास हेतु 25 नवीन सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजनाओं की क्रियान्विति सौर ऊर्जा के माध्यम से किए जाने की घोषणा की गई। इस पर 7 करोड़ 50 लाख की लागत आयेगी।
आमजन की सुविधा हेतु मैं अन्नपूर्णा रसोई योजना का विस्तार करते हुए प्रत्येक जिला कलक्टर कार्यालय परिसर में ऐसी सुविधा उपलब्ध करवाये जाने की घोषणा की गई। इन परिसरों में सस्ती दरों पर नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध करवाने के साथ ही चाय एवं शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
राज्य में जिन जिला मुख्यालयों पर वर्तमान में शहीद स्मार नहीं बने हुए हैं उन सभी जिला मुख्यालयों पर मैं प्रत्येक के लिए 20 लाख की लागत से शहीद स्मारक बनाने की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर नयी मेवाड़ भील कोर बटालियन स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इसके लिए 1 हजार 161 कांस्टेबल की भर्ती की जाएगी। इस बटालियन की स्थापना पर 110 करोड़ 73 लाख का व्यय प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने जनजाति स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मानगढ़ धाम के प्रथम चरण को आगे बढ़ाते हुए इसे पूरा करने के लिए इस वर्ष 7 करोड़ की स्वीकृति की भी घोषणा की।
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