अमन बापना ने बनाया इन्डोर जीपीएस सिस्टम

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Published on : 14 Feb, 18 07:02

अमन बापना ने बनाया इन्डोर जीपीएस सिस्टम
उदयपुर। मन में ठान लें तो हर असंभव कार्य संभव हो जाता है और ऐसी ही कुछ लेकसिटी के युवा एवं होनहार अमन बपना ने अपने तीन मित्रें मयंक शर्मा,सिद्धार्थ देसाई एवं अनुभव गुप्ता के सहयोग से 2 वर्ष की कडी मेहनत के बाद एक इन्डोर जीपीएस सिस्टम तैयार किया है। यह जीपीएस हार्डवेयर एवं सोफ्टवेयर में काम आयेगा।
क्लीन स्लेट टेक्नोलेासजीज प्रा.लि.बैगलोर के इन चारो मित्रें ने दिसम्बर 2015 में अन्तर्रा६ट्रीय कम्पनी जीडब्ल्यूसी की नौकरी छोड कर अपने ही देश में रह कर अपने ही देश के लिये कुछ ऐसा करने की ठानी जिसके लिये भारतीय विदेशों पर निर्भर नहीं रहे। इन मित्रें ने आईआईटी कानपुर एवं आईआईटी मुबंई में अध्ययन के दौरान की कुछ नया करने की ठान ली थी।
उल्लेखनीय है गूगल का जीपीएस केवल खुले में ही काम करता है जबकि इनके द्वारा ईजाद किया गया ’इन लोकेट’ नामक जीपीएस हवाई अड्डो,बडे-बडे औद्योगिक परिसर,कार्यालयों मे छोटे एवं बडे वाहनों तथा कर्मचारियों को ट्रेकिंग किये जाने में उपयोग होता है।
अमन बापना के पिता चन्द्रेश बपना ने बताया कि अमेरीका के बाहर अपनी तरह का यह पहला जीपीएस बनाने का प्रयास है। यह जीपीएस वर्तमान में इन लोकेट बॉश बैंगलोर स्थित एक औद्योगिक इकाई में सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। ’इन लोकेट’ को आईबीएम ने वर्ष 2017 में एशया के टॉप 10 स्टार्टअप चुना गया था। जिसके प्रस्तुतिकरण को देश के एक रा६ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया गया।
इनके प्रयासों को उस समय और अधिक सफलता मिली जब औद्योगिक इकाईयों के सीईओ के ग्रुप एन्सिल से फण्डिंग मिलने का समझौता हुआ है। कम्पनी ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिये पेटेन्ट के चार विभिन्न केटेगरी में पेटेन्ट के लिये एप्लाई किया है। इस प्रोजेक्ट के कि्रयान्वयन के लिये किसी प्रकार के हार्डवेयर की आव८यकता नहीं होती है तथा अपने सभी के पास उपलब्ध मोबाईल फोन की सहायता से कार्य करता है। इसका ट्रेकिंग टाईम रियल जनरेट होती है, जिससे कम्पनी के संसाधनो का इस्तेमाल एफिसियेन्ट तरीके से करने में सहायता मिलती है, जो उनको करोडों रूपयों की बचत करता है।

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