18 साल पूर्व श्रीडूंगरगढ़ पंस से निकाले गए वाहन चालक को पुन: नियुक्ति के आदेश

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Published on : 06 Feb, 18 12:02

बीकानेर , श्रम न्यायालय की न्यायाधीश अलका शर्मा ने 18 साल पूर्व श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति से निकाले गए वाहन चालक को पुन: नियुक्ति और मुकदमे का 20,000 रुपए खर्चा देने के आदेश दिए हैं।
श्रमिक समुन्द्रसिंह को 23 फरवरी, 95 को श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने समुद्रसिंह को दैनिक वेतन भोगी श्रमिक के तौर पर वाहन चालक के पद पर नियुक्त किया था। समुद्रसिंह ने 29 जुलाई, 99 तक वाहन चालक का कार्य किया। उसके बाद अचानक विकास अधिकारी ने 30 जुलाई, 99 को मौखिक आदेश से उसकी सेवाएं समाप्त कर दी। श्रमिक ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत समझौता अधिकारी की शरण ली। समझौता वार्ता असफल हुई और रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गई। राज्य सरकार ने मामला श्रम न्यायालय को प्रेषित किया। श्रम न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद समुद्रसिंह को 30 जुलाई, 99 से पुन: नियुक्ति देने और मुकदमे के खर्चे के रूप में 20,000 रुपए देने के आदेश दिए हैं। श्रमिक की ओर से पैरवी अरविन्दसिंह सेंगर ने की।
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