डूंगरपुर में बाल संरक्षण के लिए सिंधु बिनुजीत को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

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Published on : 27 Jan, 18 16:01

गणतंत्र दिवस पर भरतपुर में राज्यपाल ने सौंपा प्रशस्ति पत्र

डूंगरपुर में बाल संरक्षण के लिए सिंधु बिनुजीत को मिला राज्य स्तरीय सम्मान डूंगरपुर / राज्य सरकार द्वारा उदयपुर संभाग व डूंगरपुर जिले में बाल संरक्षण तथा सामुदायिक पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिंधु बिनुजीत को भरतपुर में आयोजित राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
श्रीमती बिनुजीत को उदयपुर संभाग व डूंगरपुर जिले में बाल श्रम पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ वर्ष 2010 से बाल संरक्षण तथा बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए गणतंत्र दिवस पर माननीय राज्यपाल कल्याणसिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रदेशभर के 26 लोगों को विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव पी.के.गोयल, राज्यपाल के विशेषाधिकारी डॉ.अजय शंकर पाण्डेय सहित कई जनप्रतिनिधिगण, स्वतंत्रता सेनानी व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि आदिवासी अंचल में श्रीमती बिनुजीत द्वारा आदिवासी अंचल में जिला प्रशासन व पुलिस के साथ कार्य करते हुए जन समझाईश से बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवा कर शिक्षा से जोड़ने की पहल की है। वर्ष 2010 से डूँगरपुर जिले में किए गए प्रयासों से बाल श्रमिकों के पलायन में 51 प्रतिशत की कमी आई है तथा निरन्तर रूप से बाल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इन्हीं की पहल पर वर्ष 2012 से बाल मित्र पुलिस परियोजना का संचालन किया गया जिसके अर्न्तगत डूँगरपुर जिले के सभी पुलिस थानों को बाल मित्र थानों के रूप में विकसित किया गया एवं पुलिस अधिकारियों के क्षमतावर्धन, प्रशिक्षण,बाल श्रमिकों हेतु रेस्क्यु आपरेशन, चेक पोस्ट स्थापना में सहयोग किया गया। वर्तमान में यूनिसेफ के साथ संपूर्ण उदयपुर संभाग में सुरक्षित विद्यालय एवं किशोर सशक्तिकरण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम अर्न्तगत बीट क्षेत्रों के अनुसार संभाग के लगभग 3500 राजकीय विद्यालयों में बाल संरक्षण को सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि बच्चे विद्यालय के आंतरिक तथा बाह्य वातावरण में सुरक्षित महसूस कर अपने सम्पूर्ण विकास की ओर अग्रसर हो सकें।
इसके साथ ही बाल मित्र पुलिस परियोजना के संचालन से डँूगरपुर जिले के समस्त थानों में बाल मित्र पुलिस की कल्पना को साकार रूप प्राप्त हुआ है। जिले में 10 पुलिस थानों में बाल हेल्प डेस्क को बाल मित्र कक्ष के रूप में विकसित किया गया है। वर्तमान में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा सामुदायिक पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संभाग स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक के निर्देशन में सुरक्षित विद्यालय एवं किषोर सषक्तिकरण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। संभाग के लगभग 3500 माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों का चयन बीट क्षेत्रों के अनुसार किया गया है तथा प्रत्येक बीट कान्स्टेबल को संबधित क्षेत्र के चयनित विद्यालय में बाल संरक्षण संबधित गतिविधियों की जिम्मेदारी दी गई है।कार्यक्रम के द्वारा लगभग सात लाख बच्चों तक पुलिस तथा समुदाय की सुरक्षात्मक पहुँच बनेगी।
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