नीतीश के विधायक ने ही कराया था उन पर हमला, पकड़े गए महादलित बेकसूर: जीतन मांझी

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Published on : 22 Jan, 18 11:01

‘हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर’ के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हुए हमले के सूत्रधार स्थानीय विधायक और मुखिया है।
बक्सर के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले को लेकर बिहार सरकार के सहयोगी ‘हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर’ के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। जीतन मांझी ने सीधे तौर पर कहा है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हुए हमले के सूत्रधार स्थानीय विधायक और मुखिया है।स्थानीय विधायक ददन पहलवान जदयू के विधायक हैं। मांझी ने सीधे तौर पर कहा कि जिस हमले के लिए दलितों और महादलितों का नाम लिया जा रहा है दरअसल उनका टोला नीतीश के सभा स्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिस संख्या में पत्थर जमा किए गए थे, इससे पता चलता है कि यह हमला पूर्व नियोजित था।जीतन मांझी ने आगे कहा कि जिन 28 लोगों को मुख्यमंत्री पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया है उनमें से 26 लोग दलित और महादलित समुदाय से हैं। इनमें भी 12 से 14 महिलाएं हैं। मांझी ने बताया की नंदन गांव मामले को लेकर पार्टी की 8 सदस्य टीम भी बक्सर गई थी। वहां जांच के दौरान पता चला की लंबे समय से दलित और महादलित टोले में स्थानीय विधायक द्वारा विकास कार्य की अनदेखी की गई है। इसी बात को लेकर दलित टोले के लोग मुख्यमंत्री से मुलाकात करना चाहते थे। स्थानीय विधायक को यही बात नागवार गुजरी और उन्होंने स्थानीय मुखिया के साथ मिलकर दलित लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोका, इस बीच दलितों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जिसका दलितों ने विरोध किया और इसी बात का फायदा उठाकर स्थानिय विधायक ने मुख्यमंत्री पर हमले का सारा ठीकरा दलितों पर फोड़ दिया।
बक्सर के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले हमला जीतन मांझी ने कहा कि अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के कारण दलितों ने विधायक और उनके गुंडों पर कुछ ईट पत्थर फेंके। लेकिन मुख्यमंत्री की सभा स्थल पर जिस संख्या में एक पत्थर जमा किए गए थे अचानक इतनी संख्या में ईट पत्थर नहीं लाया जा सकता। मांझी ने यह भी कहा कि स्थानीय विधायक जिले के एसपी पर उनके गलत काम में सहयोग करने का दबाव बनाते थे। हालांकि एसपी ने कभी भी विधायक के गलत कार्यों में सहयोग नहीं किया। ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकूलर’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय विधायक ने एक तीर से दो शिकार किया है। पहले तो दुर्दशा का शिकार दलित और महादलित टोला के लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोका और कानून व्यवस्था बिगाड़कर जिले के एसपी को भी बदनाम किया ताकि आसानी से उनका ट्रांसफर करवाया जा सके। मांझी ने सीधे तौर पर कहा है कि जिस तरह से आधी रात में दलित महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भी अनदेखी है। उन्होंने कहा कि संविधान भी कहता है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले महिलाओं को गिरफ्तार कर थाने नहीं लाया जा सकता है। मांझी ने मांग कि है कि नंदन गांव के दलित बस्तियों में पुलिस कैंप लगाकर वहां रहने वाले दलित समुदाय के लोगों को सुरक्षा दी जाए और गिरफ्तार हुए निर्दोष दलितों को जल्द से जल्द जेल से रिहा करने की व्यवस्था की जाए। गिरफ्तार दलितों के आश्रितों एवं पशुओं की देखरेख एवं खानपान की व्यवस्था की जाए।उन्होंने कहा कि इस बर्बर घटना की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसियों के माध्यम से कराई जाए और घटना के सूत्रधार का चेहरा उजागर हो।
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