उदयपुर, सम्मेदशिखर यात्रा पर गये यात्री हर दिन नया अनुभव और धर्मलाभ ले रहे हैं। बुधवार को दूसरे जत्थे के 101 यात्रियों ने संघपति सुरेश राजकुमार पदतावत के नेतृत्व में शिखरजी की वन्दना की। वन्दना पर जाने से पूर्व सभी यात्रियों ने दूसरे जत्थे के 101 यात्रियों का स्वागत किया एवं आचार्यश्री सुनीलसागरजी के जयकारों के साथ उन्हें रवाना किया। उनकी वापसी के बाद सभी यात्रियों का पाद प्रक्षालन किया गया।
शिखरजी से पारस चित्तौड़ा ने बताया कि पूर्व में शिखरजी की वन्दना कर चुके 400 यात्रियों ने बध्ुावार को तलहटी से बस द्वारा शिखरजी पर्वत की 180 किलोमीटर लम्बी परिक्रमा की। इस दौरान रास्ते में जितने भी मन्दिर आये सभी का दर्शनलाभ लिया।
अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि गुरूवार को संघपति सुरेश राजकुमार पदमावत की और से त्रिलोक भवन में आचार्यश्री सम्भवसागरजी महाराज एवं दीदी के नेतृत्व में सम्मेेदशिखर विधान कराया जाएगा। विधान में सभी यात्री इन््र बन कर बैठैँगे।
रवानगी आज: वेलावत ने बताया कि विधान के बाद सभी यात्रीं सम्मेदशिखर जी से शाम बजे रवानगी करेंगे।
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