रेलगाड़ी में निचली सीट, त्योहारी मौसम में करनी पड़ सकती है जेब अधिक ढीली

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Published on : 17 Jan, 18 11:01

नईं दिल्ली । रेल यात्रियों को नीचे की सीट (बर्थ) का विकल्प चुनने या त्योहारी मौसम में यात्रा के लिए अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सुझाव दिया है कि रेलवे को एयरलाइंस और होटलों की तरह डायनामिक मूल्य मॉडल अपनाना चाहिए।सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से विमान में यात्रियों को आगे की लाइन की सीटों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है उसी तरह ट्रेनों में भी यात्रियों से उनकी पसंद की बर्थ के लिए अधिक किराया वसूला जाना चाहिए।सूत्रों ने कहा कि सुविधाजनक समयसारिणी तथा किसी विशेष मार्ग पर लोकप्रिय ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा सकता है। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि एक किराये के बजाय रेलवे को त्योहारी सीजन के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए जबकि कम व्यस्त महीनों में किराये में कमी करनी चाहिए।इसके अलावा असुविधाजनक समय पर अपने गंतव्य पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को रियायत दी जानी चाहिए। मसलन रात 12 से सुबह चार बजे तथा दोपहर को एक बजे से शाम पांच बजे तक पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को किराये में रियायत दी जा सकती है।समिति में रेलवे बोर्ड के अधिकारी, नीति आयोग के सलाहकार रविंद्र गोयल, एयर इंडिया की कार्यंकारी निदेशक राजस्व प्रबंधना मीनाक्षी मलिक, प्रोफेसर एस श्रीराम और ली मेरिडियन दिल्ली के राजस्व निदेशक इति मणि शामिल हैं।समिति ने अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को कल सौंपी है। समिति ने फ्लेक्सी किराया प्रणाली में इन बदलावों का सुझाव दिया है।
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