उदयपुर, ’’मिनरल उत्खनन पर सरकार द्वारा रॉयल्टी के तौर पर खनन उद्यमियों से टैक्स वसूला जा रहा है। इस रॉयल्टी पर सर्विस टैक्स लगा देना दोहरा करारोपण है। नियमानुसार टैक्स पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता है।‘‘
उपरोक्त विचार यूसीसीआई में माईनिंग सम्बन्धी मुद्दों पर आयोजित बैठक में खनन उद्यमियों द्वारा व्यक्त किये गये।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा यूसीसीआई भवन में मिनरल उत्खनन से सम्बन्धित मुद्दों पर एक परिचर्चात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता यूसीसीआई के संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल द्वारा की गई। बैठक में एसोसिएटेड सोप स्टोन, वॉल्केम इंडिया, खेतान इण्डस्ट्रीज, अरावली मिनरल्स, सुदर्षन मिनरल्स, सोनी मार्बल्स, एस.के. एन्टरप्राईज, कृश्णा माईनर्स एण्ड ट्रेडर्स आदि उद्योगो के खान मालिको ने भाग लिया।
यूसीसीआई की माईनिंग सब कमेटी के चेयरमेन श्री केजार अली ने बताया कि सरकार द्वारा माईनिंग रॉयल्टी पर सर्विस टैक्स लगाये जाने के निर्णय के खिलाफ यूसीसीआई द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई थी। किन्तु सुनवाई के उपरान्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीष महोदय द्वारा यूसीसीआई की अपील को खारिज करते हुए सरकार द्वारा माईनिंग रॉयल्टी पर सेवा कर लगाये जाने को अपने निर्णय में उचित ठहराया है। इससे राजस्थान के खान मालिकों पर करोडों रूपये की देनदारी उत्पन्न हो जाने का संकट मण्डरा रहा है। सरकार द्वारा भी नयी अधिसूचना जारी कर रॉयल्टी वसूलने वाले ठेकेदार को रॉयल्टी पर जीएसटी जोडकर लेने के निर्देष जारी कर दिये गये।
बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के उपरान्त खान मालिकों द्वारा यूसीसीआई की ओर से राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर सहमति बनी। इसके लिये खनन व्यवसाय से जुडी विभिन्न एसोसिएषनों एवं खनन व्यवसाय से जुडे उद्यमियों के द्वारा वित्तीय संसाधन जुटाये जाने का संकल्प लिया गया तथा यूसीसीआई के पूर्वाध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत को जिम्मेदारी सौंपी गई।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर उच्च न्यायालय द्वारा माईनिंग रॉयल्टी पर राज्य सरकार द्वारा सेवा कर लगाये जाने को जायज ठहराये जाने के निर्णय पर रोक लगा दी है।
यूसीसीआई के अध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के इस आदेष से राज्य के खनन व्यवसाय से जुडे सभी उद्यमियों को राहत मिली है।
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