पात्र व्यक्ति ही भागवत कथा सुनने का अधिकारी

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Published on : 10 Jan, 18 12:01

पुष्कर|पुष्कर केमरुधर केसरी सेवा सदन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव के दूसरे दिन कथा वाचक पं. रूपचंद पाराशर ने अपने प्रवचनों में कहा कि भागवत कथा हर एक व्यक्ति को नहीं सुनाई जाती है। केवल पात्र व्यक्ति ही कथा सुनने का अधिकारी है। साथ ही उन्होंने कहा श्रीमद् भागवत किसी जाति विशेष के लिए नहीं है बल्कि सभी प्राणियों के उद्धार के लिए है।
कथा वाचक पुष्कर के पंडित रूपचंद ने कहा कि गुरु कृपा से भवसागर बड़ी ही आसानी से पार हो जाता है। भक्ति को पाना है तो गोपी बने। भक्ति से ही हृदय परिवर्तन होता है। कथा व्यास के साथ पुष्कर के गायककार दीनदयाल पाराशर एवं दिनेश पाराशर पार्टी ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। मंगलवार को कथा में मेडिकल एसोसिएशन के सुभाष पाराशर, गोपाल जांगिड़, शुभम् पाराशर, प्रेम मंघाणी सहित मेडिकल संचालकों ने भागवत पुराण की आरती उतार कर प्रसाद वितरण किया। कथा के समापन पर प्रतिदिन शाम को व्यास पीठ के साथ-साथ इस तोते की भी आरती उतारी जाती है। तोते को कथा वाचक शुकदेव जी का प्रतीक माना गया है।
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