पाले की आशंका होने पर कृषक करे उपाय

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Published on : 04 Jan, 18 11:01

झालावाड़ । वर्तमान में धनियॉं, चना, सरसों एवं सब्जियों की फसलें फूल से फल बनने की अवस्था में है। दिसम्बर से फरवरी तक पाला पड़ने की सम्भावना रहती है। गत 2 से 3 दिनों से सर्दी एवं शीत लहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे निरन्तर तापमान में कमी से रबी फसलों में पाले की आशंका बनी हुई है।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक नन्दबिहारी मालव ने बताया कि इस समय कृषक फसलों में व्यापारिक गंधक का तेजाब एक लीटर को 1000 लीटर पानी में मिलाकर एक हैक्टयर क्षेत्र में स्प्रेयर द्वारा पौधों पर अच्छी तरह से छिड़काव करें एवं सम्भावित पाला पड़ने की अवधि में इस छिड़काव को दस दिन के अन्तराल पर दोहराते रहे। इसके अतिरिक्त फसल में एक हल्की सिंचाई कर दें एवं पाला पड़ने वाली रात्रि को कूड़ा-करकट अथवा जला हुआ तेल इत्यादि जला कर धुंआ करें, जिससे फसलों को पाले के प्रभाव से बचाया जा सके।
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