मेडिकल काॅलेज कोटा का दो दिवसीय रजत जयंती समारोह शुरू

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Published on : 16 Dec, 17 21:12

पूर्व प्राचार्य, अधीक्षक और छात्र छात्राओं का हुआ अभिनन्दन

कोटा(प्रभात कुमार सिंघल) थिरकते हैं कदम जब मिल बैठते हैं पुराने यार संग, पुरानी बातें और मुलाकातें, बस देखते ही बनती हैं। गले मिलते हैं तो पुरानी यादें एक बार फिर ताजा हो जाती हैं। मन करता है चलो पीछे लौट चलें। कुछ ऐसा ही नजारा राजकीय मेडिकल कॉलेज के 1992 बैच की सिल्वर जुबली अलम्नाई मीट में देखने को मिला। जहां से डॉक्टरी करके देश विदेश गए डॉक्टर्स ने एक बार फिर अपनी यादें ताजा कीं। पुराने यार मिले तो मानो गले मिलकर दिल में उतर गए। लग रहा था कदम थिरकने से रुकेंगे नहीं और कभी इन यादों में वो थकेंगे नहीं। गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज कोटा में आयोजित किए जा रहे रजत जयंती समारोह में पूर्व प्राचार्य, पूर्व अधीक्षक, विशेष कार्य करने वाले मेडिकल काॅलेज के पूर्व छात्रों के साथ ही 1992 बैच के सभी 50 छात्र- छात्राओं समेत दो दर्जन से अधिक चिकित्सकों का भी अभिनन्दन किया गया। मंच पर मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. गिरीश वर्मा, आयोजन समिति के चैयरमेन डाॅ. नरेश एन राय, सचिव डाॅ. विजय सरदाना मौजूद रहे।

इस दौरान जब बैचमेट आपस में मिले तो पुरानी यादों में खोए हुए से नजर आए। समारोह स्थल पर गु्रप फोटो के लिए बनाए गए स्टाॅल ‘फिर एक बार’ पर पूर्व छात्र छात्राओं का तांता लगा रहा। जहां हर कोई अपनी यादों को न केवल ताजा करना चाहता था, बल्कि सहेजकर घर भी ले जाना चाहता था। मेडिकल काॅलेज आॅडिटोरियम के बाहर ‘यात्रा’ के नाम से 25 साल के सफर को दिखाया गया था। जिसमें संस्था के पुराने फोटो, फैकल्टीज और पूर्व छात्र छात्राओं के फोटो डिस्प्ले किए गए थे। वहीं 1992 से 2017 तक बैच के सभी पुरातन छात्रों की फोटो प्रदर्शनी भी ‘चितेरा’ के नाम से लगाई गई थी।
समारोह पर घोड़ा, हाथी और ऊंट की भी व्यवस्था थी। जिसकी सवारी करते हुए आज के चिकित्सक और पुराने ‘यार’ आनन्दित हो रहे थे। मेडिकल काॅलेज भवन में सेल्फी लेने के लिए हर कोई उद्यत नजर आ रहा था। इस अवसर पर कोई रैगिंग करने वालों की बात कर रहे थे तो कोई शौतान बच्चों के बारे में। कोई मस्ती मजाक को याद करता नजर आया तो किसी ने काॅलेज और हाॅस्टल की मस्ती को याद किया।
समारोह के दौरान डाॅ. जीएल वर्मा ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि आज ऐसा लग रहा है मानो 10 साल बाद फिर से घर आया हूं। सरकार के आदेश, भगवान के आशीर्वाद और साथियों के सहयोग से सारे काम होते चले गए। उस समय 50 सीट के मेडिकल काॅलेज में 100 सीटें कराने के लिए सारी एप्रोच और संसाधन झांेकने पड़ गए थे। आज एमसीआई बुलाकर 50 सीटें दे रही हैं, जबकि मेडिकल काॅलेज मना कर रहे हैं। मेडिकल काॅलेजों में सीटें बढाने से पूर्व आधारभूत ढांचा विकसित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोटा आने से पूर्व लोगों ने यहां आने के लिए मना किया था। लेकिन, कोटा आने के बाद ऐसा कुछ भी अनुभव नहीं रहा। डाॅ. आरके आसेरी ने कहा कि कोटा मेडिकल काॅलेज को पलते और बढते देखा है। कोटा वाइब्रंेट सिटी कहलाती है और कोटा का मेडिकल काॅलेज भी वाइब्रेंट काॅलेज है। कोटा जैसी टीम कहीं पर भी नहीं मिल सकती है। उन्होंने कहा जोधपुर मेरी जन्मभूमि है, लेकिन कोटा मेरी कर्मभूमि है।
1992 बैच के डाॅ. अनुराग सिंुह चैहान और डाॅ. मुकेश विजय ने भी धुंधली पड़ चुकी यादों को फिर से ताजा किया। उन्होंने बताया कि जब ईएसआई हाॅस्पीटल में कक्षाएं चलती थीं, तब कोटा मेडिकल काॅलेज के लिए रंगबाड़ी रोड पर जमीन दी गई थी। तब छात्रों में खासा आक्रोश पनप गया था कि जंगल में जमीन दी गई है। अब कोटा के साथ ही मेडिकल काॅलेज बहुत विकसित हो चुका है, काॅलेज अब शहर के मध्य में आ गया है। उन्होंने बताया कि कोटा मेडिकल काॅलेज की एमसीआई से मान्यता नहीं मिलने के कारण से काफी संघर्ष किया गया। उन्होंने बताया कि भाजपा के अधिवेशन में अपनी मांग रखने के लिए चार दिन तक गांधी नगर में रहना पड़ा था। उन्होंने कहा कि 1992 के बैच में 50 छात्र छात्रा ही होने के कारण से पारिवारिक माहौल हो गया था।
समारोह में रमेश प्रजापति ने अनूप जलोटा के भजनों की प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने ‘गणपति वन्दन गणनायक, तेरी छवि अति सुंदर सुखदायक...’ तथा गुरू की महिमा का बखान करते हुए ‘आज सखी संग गुरू आए, मेरे घर आनन्द भयो री...’ सरीखे भजनों से सभी को आनन्दित कर दिया।
पूर्व प्राचार्य का किया अभिनन्दन
पूर्व प्राचार्य डाॅ. एसडी पुरोहित, डाॅ. एमआर सोनगरा, डाॅ. जीएल वर्मा, डाॅ. पीएस निर्वाण, डाॅ. आरके आसेरी, पूर्व अतिरिक्त प्राचार्य डाॅ. एचएम सिंह, डाॅ. स्नेहलता शुक्ला, डाॅ. एके सक्सेना, डाॅ. एसपी चित्तौड़ा, डाॅ. डीके मिश्रा, पूर्व अधीक्षक डाॅ. रामपाल, डाॅ. एसएन मल्होत्रा, डाॅ. आरके गुलाटी, डाॅ. आरपी रावत तथा जवाहरलाल नेहरू काॅलेज अजमेर के प्राचार्य डाॅ. आरके बुखारू का शाॅल ओढाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। वहीं मेडिकल काॅलेज प्रारंभ होने के अवसर पर चार्ज लेने वाले तत्कालीन सीएमएचओ डाॅ. आरके शर्मा का भी अभिनन्दन किया गया।
इन्होंने कमाया देश विदेश में नाम
इसके अलावा मेडिकल काॅलेज कोटा से पढाई करके देश विदेश में विशिष्ठ सेवाएं देने वाले डाॅ. अमित देव, डाॅ. अनुराग सिंह, डाॅ. कैलाश सरन, डाॅ. मनीष पटेल, डाॅ. रवि वया, डाॅ. जीवन कांकरिया, डाॅ. अमित गोयल, डाॅ. हंसराज मीना, डाॅ. अभिजीत लाल, डाॅ. आरके सिंह, डाॅ. मनीष नागर, डाॅ. संजीव बावेजा, डाॅ. अमित शर्मा, डाॅ. मोनिका गुपता, डाॅ. एसएन गौतम, डाॅ. महेश हाडा, डाॅ. विशाल मोरवाल, डाॅ. सौरव भटनागर, डाॅ. नीशु दीक्षित, डाॅ. अनुराग, डाॅ. बलराम गोयल, डाॅ. बृजेश सोनी, डाॅ. विपिन योगी, डाॅ. गौरव माहेश्वरी, डाॅ. अशोक झांझी, डाॅ. इशु सिंह, डाॅ. अर्जन डी लाल, डाॅ. मीनाक्षी, डाॅ. अंशु काबरा के अलावा 1992 बैच के सभी 50 छात्र छात्राओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


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