बहादुर सैनिक सूबेदार जोगिंदर सिंह की बायोग्राफी में नजर आयेगें गिप्पी ग्रेवाल

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Published on : 16 Dec, 17 15:12

उदयपुर। सन् १९६२ में भारत और चीन के बीच लडे गये युद्ध पर बहुत सी फिल्में बनी चुकी है, लेकिन जो कहानी गिप्पी ग्रेवाल अपनी फिल्म में सुनाने जा रहे है वह कहानी है सिख रेजीमेंट के सूबेदार जोगिंदर सिंह की। जिन्होंने १९६२ की लडाई में अपने मात्र २१ जवानों के साथ ६०० चीनी सैनिकों का मुकाबला किया था और अंतिम सांस तक लडे थे। भारत सरकार ने उन्हें उनके अदम्य साहस का सम्मान करते हुए मरणोपरांत सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा था।
इस फिल्म को सागा म्यूजिक एवं म्यूनिसिस इन्फो सोल्युशन्स के साथ ७ कलर्स मोशन पिक्चर्स द्वारा रिलीज किया जा रहा है। इस फिल्म को चार भाषाओं पंजाबी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में ६ अप्रैल २०१८ को रिलीज किया जायेगा। गिप्पी ग्रेवाल के अलावा इसमें गुग्गु गिल, कुलविंदर बिल्ला, अदिति शर्मा, राजवीर जवंदा, रोशन प्रिंस, करमजीत अनमोल तथा सरदार सोहीस भी नजर आने वाले है।सूबेदार जोगिंदर सिंह की बायोग्राफी की शूटिंग खूबसूरत और खतरनाक जगहों जैसे कारगिल, द्रास, राजस्थान एवं असम की अलग-अलग लोकेशंस पर हुई है। इस फिल्म का एक मुख्य भाग १४,००० फीट की ऊंचाई पर शूट हुआ। जहाँ पहुँचने में ही क्रू और कास्ट को कई घंटो तक गाडी एवं पैदल यात्रा करनी पडती थी। इस फिल्म के मुख्य कलाकार गिप्पी ग्रेवाल ने खुद को शारीरिक तौर परिवर्तित किया हैं तथा फिल्म के ज्यादातर स्टंट्स खुद ही किए हैं।
१९६२ में जब चीनी घुसपैठ हुई थी तो सूबेदार जोगिंदर सिंह वहां पर अपनी पलटन के साथ तैनात थे। उनको उस दुर्गम क्षेत्र में पोजिशन लेने के ऑर्डर्स दिये गये थे। पूरी पलटन बिना युद्ध की तैयारी और साजो-सामान के वहां पर डटी थी। चीन के ६०० सैनिकों ने तीनों तरफ से औचक आक्रमण कर दिया। सूबेदार जोगिन्दर सिंह की मानसिक दृढता ही थी जिसकी वजह से गोला-बारूद खत्म होने और जांघ पर गोली लगने के बावजूद भी उन्होंने ना सिर्फ अपने सैनिकों को लडाई के लिए प्रेरित किया बल्कि खुद भी अकेले ही दर्जनों चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा। इनकी इस बहादुरी भरी दास्तान को देखने के लिये लोग बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं।



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