सबसे बडा धर्म है, सेवा

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Published on : 13 Dec, 17 17:12

उदयपुर / नारायण सेवा संस्थान के लियो का गुडा(बडी) स्थित सेवा महातीर्थ में ‘‘भजन सत्संग और दीनबन्धु वार्ता’’कार्यऋम के तीसरे दिन बुधवार को संस्थान संस्थापक कैलाश ‘मानव’ ने कहा कि हर व्यक्ति को मन,वचन और कर्म में सेवा के भाव रखने चाहिए। सेवा में बहुत शक्ति होती है। सबसे बडा धर्म सेवा धर्म है। उन्हने कहा कि नरसी भगत ने गरीब होने के बावजूद सेवा का भाव कभी नहीं छोडा। स्वयं भूखे रहकर जरुरतमंदो को भोजन करवाया। उनकी इसी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने जब उन पर‘मायरा’ करने का संकट आया तो स्वंय उनके सहायक बने और बेटी के ससुराल में उनकी लाज बचाई। उन्हने कहा कि व्यक्ति को एक दूजे के प्रति ईर्ष्या का भाव न रखकर प्रेम व अपनत्व का भाव रखना चाहिए। प्रेम से बिगडे हुए काम भी सुधर जाते हैं। संचालन ऐशवर्य त्रिवेदी ने किया। कार्यऋम का आस्था भजन चैनल पर सीधा प्रसारण हुआ।


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