30 को अजमेर बोर्ड धरने में जाएंगे निजी स्कूल संचालक

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Published on : 26 Nov, 17 09:11

30 को अजमेर बोर्ड धरने में जाएंगे निजी स्कूल संचालक, स्कूल बंद रखने का किया आह्वान

बारां,राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन एसोसिएशन के तत्वावधान में निजी स्कूलों के डाटा अपडेट करवाने के बहाने करोड़ों रूपए की पैनल्टी वसूली एवं आरटीई प्रावधानों के खिलाफ 30 नवम्बर को अजमेर बोर्ड आॅफिस पर दिए जाने वाले एक दिवसीय विशाल धरना-प्रदर्शन में जिले के निजी स्कूल संचालक भी भाग लेंगे। इस दिन विरोध स्वरूप निजी स्कूलों को बंद रखने का आह्वान किया गया है। प्रदेश प्रभारी प्रमोद शर्मा व जिलाध्यक्ष राकेश सोनी ने बताया कि बोर्ड प्रत्ति वर्ष निजी स्कूलों से मान्यता शुल्क वसूल करने के बाद ही बोर्ड फार्म स्वीकार करता है। बगैर मान्यता के बोर्ड फार्म स्वीकार किया जाना असम्भव है। लेकिन अब बोर्ड डाटा अपडेट करने को कहकर प्रत्येक स्कूल से यह चाहता है कि स्कूल संचालक जब से मान्यता प्राप्त है, तब से आज तक उसने बोर्ड को कितना मान्यता शुल्क दिया है। इसका विवरण डीडी नम्बर सहित ऑनलाइन अपलोड करने तथा भेजे गये डीडी की फोटो काॅपियां हार्ड कॉपी के साथ संलग्न कर बोर्ड में भेजने को कहा गया है। अब यह कैसे संभव है कि भेजे गये शुल्क का रिकाॅर्ड बोर्ड ने अपनी केश बुक में दर्ज नहीं किया और अपराधी स्कूलों को मानकर उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वो अगर 40 साल पुराना स्कूल है तो 40 साल के डीडी की फोटो कापियां उपलब्ध करवाएं। षर्मा व सोनी ने बताया कि वर्षों से बोर्ड को अस्थायी और स्थायी मान्यता का आवेदन और शुल्क जमा कर चुके स्कूलों को निरीक्षण के उपरांत भी आजतक मान्यता पत्र प्राप्त नहीं हुई हैं। अब बोर्ड चाहता है कि उस समय जो मान्यता पत्रावली स्कूल ने बोर्ड को भेजी थी, उसकी पुनः एक कॉपी और भेजे गये शुल्क के ड्राफ्ट की प्रति भी बोर्ड को भेजी जाए। यानि साफ है कि इतने वर्षों में बोर्ड को भेजी गई मान्यता पत्रावलियां रद्दी में बेच दी गई हैं और अब सुध ली गई है तो बोर्ड में हड़कम्प मचा और आनन फानन में बोर्ड ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया की सभी स्कूल चाहे वो कितने भी साल पुराना हो अपने मान्यता आदेश सहित भेजे गये शुल्क का सबूत सहित डाटा अपलोड करे। पूर्व अध्यक्ष प्रद्युम्न वर्मा, पदम अग्रवाल, ग्रामीण जिलाध्यक्ष महेंद्र मीणा, महेंद्र मन्डोला, योगेंद्र शर्मा सहित जिलेभर के स्कूल संचालकों ने बोर्ड के इस कदम को पूर्णतः दमनकारी बताते हुये कहा कि यदि कोई स्कूल पुराने दस्तावेज उपलब्ध करवाने में असक्षम रहा तो ऐसे स्कूलों से करोड़ों की पैनल्टी वसूल की जाये। पदाधिकारियों ने जिले के स्कूल संचालकों को आगाह किया है कि वे माला व शॉल ओढ़ाकर अधिकारियों की जी हुजूरी की मानसिकता से बाहर आकर अपने हितों के लिये संघर्ष करें। वरना वह दिन दूर नहीं जब अपना हित साधने वाले स्कूल संचालक अन्य स्कूलों को भ्रमित कर उन्हें बंद होने की कगार पर पहुंचा देंगे। पदाधिकारियों ने अधिक से अधिक 30 नवम्बर को अजमेर धरने में भाग लेने एवं उस दिन स्कूलों को बंद रखने की अपील की।

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