ईंरानी की शिक्षा का रिकॉर्ड : अदालत ने सीबीएसईं से सूचना देने को कहा

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Published on : 21 Nov, 17 10:11

नईं दिल्ली, । दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज सीबीएसईं से कहा कि अगर इसने आरटीआईं आवेदक को संबंधित सूचना नहीं दी है तो वह केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईंसी) के आदेश पर स्थगन का लाभ लंबे समय तक नहीं उठा सकता। सीआईंसी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईंरानी के दसवीं कक्षा और 12वीं कक्षा के रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति दी थी। न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने आवेदक की याचिका पर यह फैसला दिया जिसने ईंरानी के स्कूल रिकॉर्ड के बारे में जानकारी मांगी थी। आवेदक को अभी तक यह सूचित नहीं किया गया था कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसईं: ने सीआईंसी के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है या इस पर स्थगन लगाया गया है।अदालत ने आरटीआईं आवेदक मोहम्मद नौशादुद्दीन को नया नोटिस जारी किया और बोर्ड को निर्देश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें जानकारी मिले और ऐसा नहीं होने पर इस वर्ष 21 फरवरी को दिया गया अंतरिम आदेश खारिज हो जाएगा।अदालत ने सीबीएसईं से कहा,केवल स्थगनादेश पर कायम रहना पर्यांप्त नहीं है।मामले की अगली सुनवाईं की तारीख 15 फरवरी तय की गईं। सीबीएसईं ने 17 जनवरी के सीआईंसी के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि ईंरानी के स्कूल रिकॉर्ड का खुलासा सूचना के अधिकार कानून के तहत नहीं हो सकता क्योंकि यह तीसरे पक्ष की सूचना है जो किसी जिम्मेदार पक्ष के हवाले है।सीआईंसी ने 17 जनवरी के आदेश में आवेदक को ईंरानी के स्कूल रिकॉर्ड की जांच की अनुमति दे दी थी और सीबीएसईं के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि मोहम्मद नौशादुद्दीन द्वारा मांगी गईं सूचनानिजीहै। सीआईंसी ने कहा था कि जब किसी जन प्रतिनिधि ने अपनी शैक्षणिक योग्यता की घोषणा की है तो उस घोषणा की जांच करने का अधिकार मतदाता के पास है।
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