भारतनेट का दूसरा चरण शुरू, सभी ग्राम पंचायतें ब्राडबैंड से जुड़ेंगी

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Published on : 14 Nov, 17 10:11

नईं दिल्ली। भारतनेट परियोजना का दूसरा चरण आज शुरू हुआ जिसका परिव्यय 31,000 करोड़ रपये है। इस परियोजना के तहत मार्च 2019 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों तक हाईं स्पीड वाला ब्राडबैंड उपलब्ध करवाना है।दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा, आईंटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां एक कार्यांम में इसकी शुरआत की घोषणा की। मुकेश अंबानी की अगुवाईं वाली रिलायंस जियो ने 30,000 ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए 13 करोड़ रपये का सर्वाधिक अग्रिम ग्राहकी शुल्क चुकाया है। कंपनी ने सरकार से हर पंचायत में बैंडविड्थ खरीदने की प्रतिबद्धता जताईं है। रिलायंस जियो के निदेशक महेंद्र नाहटा ने उक्त राशि का चैक सिन्हा को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने कहा, हमने भारतनेट से बैंडविड्थ खरीदने के लिए जीएसटी दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा, आईंटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व टेलिकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण के उद्घाटन अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते हुए।सहित 13 करोड़ रपये से अधिक का भुगतान किया है। शुरू में हम 30,000 ग्राम पंचायतों को कवर करेंगे तथा आगे चलकर हर पंचायत में एक नोड स्थापित करेंगे। भारती एयरटेल ने 30,500 ग्राम पंचायतों के लिए बैंडविड्थ खरीद हेतु पांच करोड़ रपये जबकि वोडाफोन ने 11 लाख रपये व आइडिया सेल्यूलर ने पांच लाख रपये का भुगतान किया है। सिन्हा ने कहा कि सरकार ने भारतनेट परियोजना के तहत बैंडविड्थ की कीमत 75 प्रतिशत तक कम की है जिससे दूरसंचार कंपनियों को किफायती दरों पर सेवाएं उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि भारतनेट का पहला चरण साल के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। सिन्हा ने कहा, 48000 से अधिक गांवों में ब्राडबैंड सेवाएं पहले ही शुरू की जा चुकी है जबकि 75000 से अधिक गांव इस सेवा के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि पहले इस परियोजना को नेशनल आप्टिक्ल फाइबर नेटवर्क के नाम से जाना जाता था जिसे अक्तूबर 2011 में पिछली सरकार ने मंजूरी दी थी। मौजूदा सरकार ने इसका नाम भारतनेट कर दिया था इसमें गति लाने के लिए कईं बदलावों को मंजूरी दी। सरकार को उम्मीद है कि 42000 करोड़ रपये के निवेश के साथ समूची भारतनेट परियोजना को मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।
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