जीएसटी दर की संरचना में कुछ बदलाव की जरूरत: अधिया

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Published on : 23 Oct, 17 10:10

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि लघु और मझौले उदृाोगों के बोझ को कम करने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों की संरचना में कुछ बदलाव करने की जररत है।

राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि जीएसटी प्रणाली को स्थिर होने में करीब एक साल लगेगा। जीएसटी में एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य लेवी जैसे उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट समाहित कर दिए गए हैं। अधिया ने कहा, ैजीएसटी की दरों में कुछ बदलाव की आवश्यकता है.. हो सकता है कि एक ही अध्याय में कुछ वस्तुएं बांट दी गयी हों। वस्तुओं के अध्याय वार वस्तुओं की सूची संगत बनाने की जरूरत है और जहां दिखे कि यह लघु और मझौले उदृाोगों तथा आम आदमी पर बोझ ज्यादा पड़ रहा है , वहां हम उसे कम करते हैं तो अनुपालन सुधरेगा। जीएसटी लागू जीएसटी प्रणाली को स्थिर होने में करीब एक साल लगेगा हुए करीब चार महीने हो गए हैं। इस नईं अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से कुछ प्रारंभिक परेशानियां और अनुपालन से जुड़े मुद्दे उभरे हैं। जीएसटी परिषद ने कईं मुद्दो का समाधान निकाला भी है।

परिषद इन प्रणाली में सर्वोच्च निर्णायक निकाय है। परिषद ने लघु और मझौले कारोबारों को करों का भुगतान करने और जीएसटी दाखिल करने को आसान बनाने के लिए इसके कईं पहलूओं में हल्के बदलाव किए हैं। इसके अलावा निर्यांतकों के रिफंड प्रािया को भी आसान बनाया है तथा 100 से अधिक वस्तुओं पर जीसटी की दरों को तर्कसंगत बनाया है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि बदलाव के लिए फिटमेंट कमेटी को गणना करने की जररत होगी, जो यह तय करेगा कि किस वस्तु की दर को तर्क संगत बनाने की जरूरत है।जीएसटी व्यवस्था पहली जुलाईं को लागू की गयी।
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