भाजपा के लिए योगी ने चला ‘‘रामास्त्र’

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Published on : 20 Oct, 17 12:10

लखनऊ। प्रचंड बहुमत पाने के बाद जिसविश्वासके साथ भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी थी उसी के साथ श्री योगी ने पार्टी के लिए अयोध्या में ‘‘रामास्त्र’ चलाकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि अयोध्या ने बहुत ‘‘प्रहार’ झेंले हैं, अब अयोध्या उपेक्षित नहीं रहेगी। अयोध्या को पुराने वैभव के रूप में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी संत हैं। जनता के बीच उनकी अलग छवि है। वह जब रामलला की नगरी में जाकर रामराज्य की बात संतो के बीच करते हैं तो जनता से मिली प्रतिक्रिया पार्टी के लिए बेहद अहम बन जाती है। योगी के इस कदम से जहां पार्टी को एक नयी ताकत मिलेगी।
यहीं यूपी के बाहर भी अयोध्या में दीवाली मनाने के कदम को दूरगामी असर के तौर पर देखा जा रहा है। अहम यह है कि देश की आजादी के 70 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन कोई भी मुख्यमंत्री राम की इस नगरी में दीपावली बनाने नहीं गया। भाजपा ने यूपी को तीन सीएम दिये, उनमें कल्याण सिंह व राजनाथ सिंह अयोध्या तो गये, लेकिन दीवाली पर नहीं। ऐसे में राम के साथ खुद को जोड़ने की योगी आदित्यनाथ की मंशा को जनता ने हाथोंहाथ लिया।
रामकथा पार्क में आये 86 वर्षीय रामेश्वर सिंह लाठी के सहारे चलकर आये थे, पूछा तो बोले 70 सालों में ऐसा नजारा उन्होंने कभी नहीं देखा। यह उत्साह अकेले रामेश्वर का नहीं बल्कि हर वय (आयु) के लोगों के बीच दिखा। दीपोत्सव तो योगी ने अयोध्या में मनायी, छोटी दीवाली पर जिस तरह से त्रेता युग की झलक पेश की गयी, योगी ने खांचों में बंटे रहने वाले अयोध्या के संतो को एक मंच पर लाने का काम किया और सरयू आरती की शुरुआत करायी वह बेमिशाल रही।
खास बात यह भी थी कि योगी ने युवाओं की भावनाओं को भी समझा और कहा कि रोजगार एक नया कार्ड खेला। हाल में योगी सरकार ने अयोध्या को नगर निगम का दर्जा दिया है। यह की मेयर सीट के साथ ही पार्षदों को जीत मिले।भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2019 के चुनाव के लिए हिन्दुत्व के कार्ड के रूप में जनता के बीच ले जाने वाली है। योगी का अयोध्या का पहले एक दिन का दौरा था, लेकिन बाद में इसको दो दिनों का कर दिया गया। योगी ने जिस तरह संतो के बीच जाकर अयोध्या को लेकर खाका तैयार किया है, वह पूरी तरह लागू हो गया तो भाजपा को न सिर्फ हाल के निकाय चुनाव बल्कि 2019 की चुनावी बैतरणी को भी पार कराने में मददगार साबित होगा।
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