वेदपीठ पर वैभव पूजन, लक्ष्मी एवं विष्णु आराधना दीपोत्सव पर

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Published on : 17 Oct, 17 17:10

चित्तौडगढ। मेवाड के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्ला वेदपीठ पर कार्तिक कृष्णा अमावस्या यानि १९ अक्टूबर को वैभव पूजन लक्ष्मी एवं विष्णु आराधना के अनुष्ठान होंगे। वेदपीठ के प्रवक्ता ने बताया कि दीपावली को मन्दिर में प्रदोष वेला में सांयकाल लक्ष्मी पूजन के बाद संध्या महाआरती उपरांत परिसर में ठाकुर जी के रथ सहित भव्य वैभव पूजा की जायेगी। जिसमें कल्याण भक्तों के सैकडों दुपहियां व चौपहियां वाहनों की एक साथ पूजा होगी। उन्होनें बताया कि दीपोत्सव को मंगलादर्शन के बाद लक्ष्मी एवं विष्णु की स्थापना कर ललिता सहस्त्रनाम के २१०० पाठ तथा विष्णुपुराण के ११ पारायण प्रारम्भ होंगे जो देवोत्थापन एकदशी को पूर्ण होंगे। उन्होनें बताया कि कल्याण नगरी में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लक्ष्मी पूजन के लिये वेदपीठ के आचार्य एवं बटुक जायेंगे। जिनके लिये समय पूर्व वेदपीठ पर पंजीयन कराना होगा। उन्होनें बताया कि देवोत्थापन एकादशी यानि ३१ अक्टूबर को वेदपीठ पर भव्य अनुकूट महोत्सव एवं छप्पन भोग की झांकी के दर्शन होंगे। इस दौरान दिपावली को वेदपीठ पर विराजित ठाकुर जी सहित पंचदेवों का मनभावन श्रृंगार आकर्षण का केन्द्र होगा। वेदपीठ के न्यासियों एवं कल्याण भक्तों द्वारा दीपोत्सव से किये जाने वाले अनुष्ठानों एवं कार्यक्रमों के लिये व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है।

लक्ष्मी पूजन मुहुर्त
वेदपीठ के आचार्य गोपाल शर्मा, त्रिलोक शर्मा, ऋषिकेश व संदीप शर्मा के अनुसार लक्ष्मी पूजन के लिये लग्नानुसार तुला व चर लग्न में प्रातः ६ः३५ से ८ः५१, वृश्चिक व स्थिर लग्न में ८ः५२ से ११ः०८ तक मकर व चर लग्न में दोपहर १ः१३ से २ः५६, कुम्भ व स्थिर लग्न में २ः५७ से ४ः२६, मेष व चर लग्न में सांय ५ः५५ से ७ः३२, वृषभ स्थिर लग्न में सांय ७ः३३ से ९ः२८, कर्क व चर लग्न में रात्रि ११ः४२ से १ः५९ तथा सिंह स्थिर लग्न में रात्रि २ः०० से ४ः१५, चौगडयानुसार शुभ में प्रातः ६ः४२ से ८ः०७, चंचल लाभ व अमृत वेला में १०ः५८ से ३ः१२ तक अभिजित मुहुर्त १२ः०० से १२ः४५ तक, शुभ सांय ४ः३० से ६ः०३ तक, अमृत व चंचल सांय ६ः०३ से ९ः२७, लाभ में रात्रि १२ः०६ से १ः३९ तथा शुभ अमृत चौगडये में ३ः१२ से ६ः४३ तक एवं सर्वकार्य सिद्धी होरा अनुसार गुरू की होरा में प्रातः ६ः४२ से ७ः४१, बुध व चन्द्र की होरा में १०ः४२ से १२ः४१ तक, गुरू दोपहर १ः४२ से २ः४१ तक, बुध व चन्द्र सांय ५ः४२ से ७ः४१, गुरू रात्रि ८ः४२ से ९ः४१, बुध व चन्द्र रात्रि २ः४२ से ३ः४१ तथा गुरू की होरा में रात्रि ३ः४२ से ४ः४१ तक लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है।


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