फोर्टिस जे के हॉस्पिटल द्वारा रियायती दरों पर स्पाइन क्लिनिक सेवाऐं ३१ अक्टूबर तक

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Published on : 17 Oct, 17 17:10

पीठ दर्द पैरों में उतरने लगें तो हो सकती हैं रीढ की तकलीफ

उदयपुर! फोर्टिस जे के हॉस्पिटल,शोभागपुरा द्वारा स्पाइन दिवस के उपलक्ष में दिनांक १६ अक्टूबर से ३१ अक्टूबर तक स्पेशियल स्पाइन क्लिनिक रीढ की हड्डी एवं मस्तिश्क सम्बधित रोगों का उपचार रियायती दरों पर दिया जायेगा।शिविर का समय प्रतिदिनप्रातः १० से २.०० बजेत कर हेगा। दर्द, सुन्न होना या सुई की चुभन जैसे लक्षण इस बात के संकेत हो सकते हैं कि रीढ में कोई गंभीर समस्या हैं जिस की पुश्टि कुशल न्यूरो सर्जन या न्यूरो लॉजिस्ट करते हैं। फोर्टिस जे के हॉस्पिटल के न्यूरो सांइस विभाग द्वारा ३१ अक्टूबर तक यह सेवाऐं। रियायती दरों पर उपलब्ध होगी।रीढ की हड्डी रोग के प्रमुख लक्षण पीठ/ कमर दर्द या दर्द जब पैरों में उतरने लगे, भले ही रोगी चल रहा हो, खडा हो या आराम कर रहा हो। यह दर्द तेज करंट जैसा एहसास देता हैं पैरो या हाथों का सुन्न होना या सुई चुभ ने जैसा दर्द होना, देर तक झुके रहने या नीचे बैठने से दर्द होना, छीकने /खांसने पर रीढ की हड्डी में दर्द का एहसास होना, संतुलन और समन्वय की कमी होना इत्यादि है तो स्पाईन शिविर का लाभ लें इस का उपचार नई तकनीक की बदौलत अब माइक्रों एंडोस्कोपिक (एमईएस) सर्जरी संभव हो गई हैं, जिसे मिनि मल इंवेसिव सर्जरी भी कहा जाता हैं यह सर्जरी पीठ और गर्दन की अधिकांश समस्याओं के लिए कारगर है।
क्या आपने सोचा है कि कही भीड भरी जगह पर या चिकनी सतह पर चलते समय हम संतुलन कैसे बनाते है । इस स्थिती में हमारा संतुलन बनाने का काम हमारी रीढ में स्थित छोटा दिमाग कार्य करता है।चलते समय हमारे शरीर का संतुलन बनाने में मददगार छोटा-सादिमाग रीढ में कार्य करता है। उल्लेखनीय है कि एक शोध में मनुश्यों की रीढ की हड्डी में एक छोटे मस्तिश्क का पता लगाया है।यह हमें भीड के बीच से गुजरते वक्त या सर्दियों में बर्फी ली सतह से गुजरते वक्त संतुलन बनाने में मदद करती हैं और फिसलने या गिरने से बचाती है।इस तरह के कार्य अवचेतन अवस्था में होते हैं।क्योकि आफ शरीर की री की हड्डी में मेंमोजूद ब्लैक बॉक्स में छोटा सादिमाग जो सूचना ओंको मस्तिश्कतक पहुंचाता है । यह प्रत्येक मिली सेकंड पर सूचनाओं की धाराएं मस्तिश्क में प्रवाहित होती रहतीहैं।जो पैर में लगे संवेदको की मदद से रीढ की हड्डी संकेतों को ले जाते है।जब हम खडे होते है और चलते है तो पैर के तलवो में स्पर्ष संवेदक दबाव और गतिविधि में होने वाले परिवर्तन को पहचानते हैं। ये संवेदक रीढ की हड्डी तक संकेत भेजते हैं, जहां से होते हुए ये दिमाग तक पहुंचते है। हमारी रीढ की हडडी में मौजूद तंत्रिका को शिकाओं के समूह संवेदी सूचनाओं कोइ कट्ठा कर मांसपेशियों के आवष्यक समायोजन में मदद करते है।फोर्टिस हॉस्पिटल द्वारा सामाजिक सरोकर के तहत आमजन को रियायती दरों पर विष्व स्तरिय चिकित्सा सुविधाऐं उपलब्ध कराने के उद्देष्य से ३१ अक्टूबर तक स्पाइन क्लिनिक के रूप में न्यूरो सांइस विभाग द्वारा चिकित्सा सेवाऐं दी जायेगी।साथ ही वरिश्ठ नागरिकों के लिए प्रतिदिन ४ से ६ बजे तक परामर्ष पर ५० प्रतिशत छुट दी जा रही है।
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