आतंक रोधी प्रशिक्षण का हिस्सा थे वायुसेना के दिवंगत कमांडो

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Published on : 12 Oct, 17 08:10

यी दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आज मुठभेड़ में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के दो गरुड़ कमांडो पठानकोट हमले के बाद आतंक रोधी प्रशिक्षण के लिए सेना से जुड़े वायुसेना कर्मियों के पहले दल का हिस्सा थे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना के साथ एलीट गरुड़ जवानों का प्रशिक्षण उन कई उपायों में शामिल था जिन्हें भारतीय वायु सेना ने पिछले साल पठानकोट वायु सैन्य अड्डे पर आतंकी हमले के बाद अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढाने के लिए शुरू किया था।

सूत्रों ने कहा कि गरूड़ जवानों के दो दस्ते अगस्त में श्रीनगर स्थित चिनार कोर में छह महीने के ‘‘सजीव स्थिति प्रशिक्षण’’ के लिए शामिल हुए थे। हर दस्ते में एक अधिकारी और 13 कमांडो शामिल थे। वायुसेना ने यहां बयान में कहा कि दो वायुसेना गरुड़ सार्जेंट खैरनार मिलिंद किशोर और कोरपोरल नीलेश कुमार नयन गोलियां लगने पर गंभीर रूप से घायल हो गये थे और उन्हें बेस हास्पीटल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। बांदीपुरा जिले में हुई मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा के दो आतंकवादी मारे गये।
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