दूसरे राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सव,उजैन में जानवे दम्पत्ति सम्मानित

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Published on : 12 Oct, 17 07:10

दूसरे राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सव,उजैन में जानवे दम्पत्ति सम्मानित उज्जैन में 8 से 10 अक्टूबर तक सम्पन्न दूसरे राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सव में उदयपुर के किरण और विलास जानवे ने मूकाभिनयों का प्रदर्शन कर राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया| मध्य प्रदेश नाटक लोक कला अकादमी और कालिदास संस्कृत अकादमी,उज्जैन तथा मध्य प्रदेश संस्कृति संचालनालय द्वारा कालिदास अकादमी के प्रेक्षागृह में आयोजित हुए इस महोत्सव का उद्घाटन देश के मूर्धन्य नाट्य निर्देशक और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष और अनेक अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित डाक्टर रतन थैयाम ने किया |
महोत्सव में मार्तण्ड फ़ौंडेशन,उदयपुर(राजस्थान) की और से विलास जानवे और किरण जानवे ने अपने उम्दा अभिनय से नवदंपत्ति के किरदार को सजीव किया | अभिनय की बारीकियों को बड़े सहज रूप से पेश करते हुए उन्होंने दर्शकों को लोटपोट कर दिया | साफ़ सुथरा मौलिक हास्य दर्शकों को खूब भाया | किरण जानवे ने अगली प्रस्तुति में एक वात्सल्य मूर्ति माँ का शानदार अभिनय किया | यह रचना गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की कालजयी काव्य “गीतांजली” में संकलित कविता “मेरे बच्चे” पर आधारित थी जिसका हिंदी रूपांतरण श्री प्रयाग शुक्ल ने किया | किरण के भाव पूर्ण अभिनय ने दर्शकों को खासा प्रभावित किया | दोनों मूकाभिनयों का निर्देशन विलास जानवे का था |संगीत समर्थ जानवे का था | इस अवसर पर विलास जानवे ,किरण जानवे के अलावा असम के वरिष्ठ कलाकार मोइनुल हक़ और मध्यप्रदेश के युवा रंग निर्देशक जीतेन्द्र टटवाल को शाल और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया | महोत्सव में पश्चिम बंगाल के पांच दलों ,मध्यप्रदेश के तीन दलों,असम और महाराष्ट्र के एक एक दल ने मूकाभिनयों की प्रस्तुतियां दीं |
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