कला-संस्कृति एवं पर्यटन में समृद्ध-गुजरात

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Published on : 12 Oct, 17 07:10

कला-संस्कृति एवं पर्यटन में समृद्ध-गुजरात डॉ. प्रभात कुमार सिंघल - लेखक एवं पत्रकार, कोटा=विश्व में अहिंसा के बल पर भारत को आजाद कराने वाले महात्मा गांधी की पावन भूमि पर अब आपको ले चलते है गुजरात राज्य में। ”राष्ट्रपिता“ की उपमा प्राप्त कर महात्मा गांधी ने न केवल गुजरात का वर्न पूरे देश का गौरव बढाया। यहीं पर सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे अनेक महापुरूषों ने भारत की आजादी के अन्दोलन में भाग लेकर गुजरात का मान बढाया। ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं कला-शिल्प की दृष्टि से सम्पन्न गुजरात राज्य आज देश का सबसे प्रमुख व्यापारिक केन्द्र के रूप में उभरकर आगे आया है।


राज्य में अहमदपुर, माण्डवी, चारबाड, उभरत एवं तीथल सुन्दर समुद्रीय तट हैं। सतपुडा पर्वत, गिर वनों के शेरों का अभ्यारण्य तथा कच्छ में जंगली गधों का अभ्यारण्य एवं प्राचीन संग्राहलय यहां की अपनी विशेषताएं हैं। भारत का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय, कच्छ के महान रण (रेगिस्तान) दुनियां का सबसे बडा नमक रेगिस्तान, चण्डीगढ शहर की तर्ज पर सुनियोजित गांधी नगर (राज्य की राजधानी), लोथल, धौलावीरा जैसे सिंन्धुघाटी सभ्यता के प्राचीन स्थल, भारत का पहला बन्दरगाह लोथल, अहमदाबाद एवं बडौदरा के मध्यम भारत का पहला एक्सप्रेसवे, वलसाड का पहला एकीकृत भागवानी जिला तथा गुजरात का पहला समुद्री नेशनल पार्क तथा राज्य का एक मात्र हिल स्टेशन सापूतारा राज्य की अपनी अलग ही पहचान बनाते हैं।


अर्थव्यवस्था कृषि, वनोपज, उद्योगों, व्यापार, पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन, हस्तशिल्प एवं निर्यात आदि पर टिकी है। सूरत को दुनियां के ’हीरे के दिल‘ के रूप में जाना जाता है जहां दुनियां के कुल हीरे के काटने और चमकाने का ९० प्रतिशत कार्य किया जाता है। जाम नगर की रिफाइनरी, एशिया का दूसरा सबसे बडा अमूल दुग्ध संयंत्र एवं अहमदाबाद में दुनिया का तीसरा बडा डेनिम निर्माताओं का कारखाना अरविन्द मिल्स है। गुजरात कपास का सबसे बडा उत्पादक राज्य है। यहां कपास के साथ-साथ तम्बाकू एवं मूंगफली भी बडे पैमाने पर उत्पादित की जाती है। यहां की नकदी फसलें इसबगोल, धान, गेहूँ एवं बाजरा हैं। वनों में सागवान, खैर, हलदरियों तथा बांस के वृक्ष बहुतायत से पाये जाते है। राज्य में रसायन, पेट्रो - रसायन, उर्वरक, इंजिनियरिंग एवं इलेक्ट्रोनिक्स आदि उत्पादों के कारखाने बडे पैमाने पर स्थापित हैं। गुजरात भारत में लकडी पर नक्काशी का प्रमुख केन्द्र है। इसके साथ ही जाम नगर की बांधनी तकनीक, पाटन का उत्कृष्ट रेशमी वस्त्र पटोला, पालनपुर का इत्र, कोनोदर का हस्तशिल्प कार्य तथा अहमदाबाद एवं सूरत के काष्ट शिल्प के लघु मंदिर तथा पौराणिक मूर्तिशिल्प भी यहां की अर्थव्यस्था का आधार हैं।
धार्मिक, कला-संस्कृति तथा साहित्यिक दृष्टि से सम्पन्न गुजरात राज्य में भगवान श्रीकृष्ण एवं भगवान शिव का विशेष महत्व हैं। बताया जाता है कि कृष्ण मथुरा छोडकर यहां द्वारिका में आ बसे थे। यहां भगवान कृष्ण की पूजा के साथ-साथ कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व व्यापक रूप से बनाया जाता है। सोमनाथ में सोमेश्वर एवं द्वारिका में नागेश्वर ज्योर्तिलिंग भारत के बारह ज्योर्तिलिंगों में शामिल हैं। पावागढ में माता देवी का प्रमुख मंदिर है जहां नवरात्रा के दिनों में दर्शनार्थियों का भारी जमावडा लगा रहता है। अम्बाजी, पलीताना, गिरनार तथा पावागढ, पहाडयों पर स्थित मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के प्रमुख केन्द्र वरन् प्राकृतिक सौन्दर्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। कृष्ण भक्ति से जुडा रासलीला एवं रासनृत्य देखते ही बनता है। गुजरात का गरबा एवं डांडिया दुनियां के प्रसिद्ध लोक नृत्यों आते हैं। भवाई लोक नाट्य भी यहां के जनमानस में रचाबसा है। मकर संक्रांति पर्व का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि वर्ष १९८९ से राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा ”अन्तर्राष्ट्रीय पतंग उत्सव“ का आयोजन किया जाता है। राज्य का सबसे बडा वार्षिक मेला द्वारिका एवं डाकोर में जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित किया जाता है। तरणेततर गांव में भगवान शिव का तरणेतर मेला, भगवान कृष्ण द्वारा रूकमणी से विवाह के उपलक्ष में माधोपुर में माधवराय मेला, बांसकोठा जिले में अम्बा मेला आयोजित किया जाता है। कवियों एवं संतों में जो स्थान कालीदास का है वही स्थान यहां नरसी मेहता का है। कृष्ण भक्ति को समर्पित भजन गायिका मीरा बाई, लेखक प्रेमानन्द तथा गीतकार दयाराम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
भौगोलिक दृष्टि से गुजरात की उत्तर-पश्चिमी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से लगी हैं जबकि उत्तर में राजस्थान, उत्तर-पूर्व में मध्य प्रदेश, दक्षिण में महाराष्ट्र तथा दादर एवं नागर हवेली राज्यों से जुडी हैं। गुजरात की पश्चिमी-दक्षिणी सीमा अरब सागर से जुडी हुई है। अरब सागर से गुजरात का १६०० किमी लम्बा समुद्री तट (कोष्ठ लाईन) जुडा है जिस पर प्रमुख एवं महत्वपूर्ण काण्डला बन्दरगाह सहित छोटे, मध्यम एवं बडे ४४ बन्दरगाह स्थित हैं। गुजरात राज्य १ मई १९६० को अस्तित्व में आया और इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल १९६०२४ वर्ग किमी है। गुजरात राज्य की जनसंख्या ६०३८३६२८ है तथा यहां की साक्षरता दर ७९.३१ प्रतिशत है। यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिख एवं जैन प्रमुख धर्मावलम्बियों के साथ-साथ २८ जनजातियां निवास करती हैं। राज्य में हिन्दी एवं अंग्रेजी के साथ गुजराती भाषा प्रमुखता से बोली जाती है।
आवागमन सुविधाओं की दृष्टि से यह राज्य समुद्री, हवाई, रेल व बस सेवाओं से जुडा है। अहमदाबाद में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित है। जहां से मुम्बई व दिल्ली तथा अन्य बडे शहरों के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध है। राज्य में बडोदरा, भावनगर, सूरत, जामनगर, कांडला, भुज, केशोड, पोरबन्दर एवं राजकोट में भी हवाई सेवा सुविधा उपलब्ध हैं। बडोदरा राज्य का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है जहां से हर रोज करीब १५० यात्री रेल गाडी गुजरती हैं। अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, भुज एवं भावनगर प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। सडक का राज्य में सुदृढ तंत्र है। पर्यटन की दृष्टि से महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबन्दर तथा पुरातत्व एवं वास्तुकला के लिए पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, बडनगर, मोधेरा, लोथल एवं अहमदाबाद दर्शनीय स्थल हैं।


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