......वो छोटी सी राते ,वो लम्बी कहानी

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Published on : 10 Oct, 17 21:10

फिल्म कागज की कष्ती ने बताये जगजीतसिंह के अनेक अनछुए पहलूओं को

......वो छोटी सी राते ,वो लम्बी कहानी उदयपुर। गजल एकेडमी एवम पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आज गजल सम्राट जगजीत सिंह पर बनी फिल्म कागज की कष्ती का उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर षिल्पग्राम के दर्पण सभागार में प्रदर्षन किया गया।
मुंबई में बनी १२६ मिनट की इस फिल्म में फिल्म निर्देषक ब्रह्मानन्दसिंह ने कागज की कश्ती में जगजीतसिंह के अनेक अनछुए पहलुओं का जीवन्त तरीके से प्रदर्षन कर उन्हें फिल्म के जरिये पुनः जीवित कर दिया।
निर्दषक ब्रह्मानंद सिंह ने फिल्म में उनके द्वारा देष-विदेष में किये गये षो, उनकी ख्यातिप्राप्त कर चुकी अनेक गजलों को षामिल कर सभागार में उपस्थित सैकडों दर्षकों को जगजीतसिंह की याद दिला दी।
इस अवसर पर ब्रह्मानन्द सिंह ने कहा कि इस १२६ मिनिट की फिल्म को बनाने में साढे तीन साल या यों कहें कि ४००० घ्ंाटे लगे। तब जा कर गजल सम्राट जगजीतसिंह पर यह फिलम बन पायी। इस फिल्म को बनाने के पीछे मुख्य उद्देष्य कि जिस तरह का कार्य जगजीतसिंह ने किया उसको दर्षकों को अवगत कराना है।
उन्हने कहा कि आपकी जिन्दगी ईष्वर की ओर से आपको दिया गया उपहार है और सबसे बडी बात यह कि आप उस जिन्दगी में क्या बांटते है वह ईष्वर को आप द्वारा दिया गया रिटर्न गिफ्ट होता है। जगजीतसिंह ने गजलों के माध्यम से ईष्वर को ऐसा रिटर्न गिफ्ट दिया गया कि आने वाली सदियों तक गजलों का ऐसा कोई रिटर्न गिफ्ट देने वाला महानायक नहीं होगा।
फिल्म में जगजीतसिंह की गायी गयी गजलों तथा गजलों के माध्यम से गजल छात्रों को दी जाने वाली षिक्षा को भी दर्षाया गया।
जगजीत सिंह के परममित्र और सहायक कुलदीप देसाई ने बताया कि गजजीतसिंह के साथ बिताया गया हर एक-एक क्षण जीवन भर याद रहेगा। गजलों का ऐसा महानायक देष में षायद ही कोई अब होगा। वे गजलों के साथ-साथ दिलों के भी सम्राट थे। राजस्थान में इस फिल्म का प्रथम प्रदर्षन आज हुआ।
इस अवसर पर मुख्यअतिथि एमएलएसयू के कुलपति प्रो. जे.पी.षर्मा ने भी अपने विचार रखे। प्रारम्भ में गजल एकेडमी के अध्यक्ष जे.के.तायलिया ने अतिथियों का स्वागत किया।
फिल्म में बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी...,वो कागज की कष्ती... जैसी बनेक गजलों को भी दर्षाया गया।
गजल एकेडमी के मुख्य संरक्षक एवं गजल गायक डॉ प्रेम भंडारी ने बताया कि गजलों के ऐसे महानायक पर बनी फिल्म आने वाली पीढयों का मार्गदर्षन करेगी। सचिव डॉ देवेन्द्र सिंह हिरन ने संस्था का वार्शिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पामिल मोदी भण्डारी ने ब्रह्मानन्द का परिचय दिया। कोषाध्यक्ष अमित मोदी ने बताया के इस फिल्म में जगजीत सिंह के बचपन से लेकर आखरी सफर तक के लम्हों को, उनके देश विदेश में दिए गजल कार्यक्रमों के वीडियो, उनके बारे में ख्यातिनाम संगीतकारों, शायरों और फिल्मकारों के विचारों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया। कार्यक्रम का संचालन सूर्यप्रकाष सुहालका एवं षालिनी ने किया।

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