राज का सहारा पाकर दिव्यांग परिवार ने पायी खुशहाल जिन्दगी

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Published on : 03 Oct, 17 17:10

राज का सहारा पाकर दिव्यांग परिवार ने पायी खुशहाल जिन्दगी भीलवाड: सामाजिक सरोकारों के निर्वहन और जरूरतमन्दों को सम्बल प्रदान करने की दिशा में प्रदेश सरकार देश भर में अपनी अग्रणी पहचान कायम करने लगी है।
भिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिये दिव्यांगों के कल्याण से जुडे लक्ष्यों को साकार किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि आज राजस्थान प्रदेश भर में विशेष योग्यजन सरकार के संरक्षण और सहयोग की बदौलत आत्मनिर्भर जिन्दगी का सुकून पाने लगे है ख्ाासकर प्रदेश के भीलवाडा जिले में सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन ने विशेष योग्यजनों की तकदीर बदलने में सार्थक उपलब्धियां हासिल की हैं। दिव्यांग होने के साथ ही गरीबी से संघर्ष कर रहे लोगों की जिन्दगी में बदलाव आने लगा है। इन्हीं में हैं भीलवाडा जिले के माण्डलगढ तहसील के नीमकाखेडा निवासी श्री शंकर लाल गुर्जर। जिनके लिए तीन-तीन बच्चों के साथ परिवार संचालन करना मुश्किलों से कम नहीं था लेकिन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इन्हें सरकार की योजना का सहारा देकर पूरे परिवार का जीवन सँवार दिया श्री शंकरलाल गुर्जर (40 वर्ष) स्वयं तो दिव्यांग हैं ही, उनकी पत्नी श्रीमती रामकन्या.....(35 वर्ष) भी दिव्यांग हैं। परिवार में दो पुत्र्यिों सुश्री माया 9 वर्ष एवं देवकी 7 वर्ष के अलावा एक पुत्र् ६ावराज 5 वर्ष भी शामिल है। चाय की थडी के सहारे जीवनयापन करने वाले शंकरलाल के लिय परिवार का भरण-पोषण तथा बच्चों की पढाई बहुत बडी समस्या थी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से पति एवं पत्नी दोनों को विकलांग पेंशन 750-750 रु. स्वीकृत की गई वहीं तीनों संतानों को पालनहार योजना में एक-एक हजार रुपए भी स्वीकृत होकर मिलने लगे हैं। इससे सरकारी योजना की बदौलत इस परिवार को हर माह 4 हजार 500 रुपए की राशि का सहारा मिलने लगा है। इससे दिव्यांग पति-पत्नी और उनकी संतानों की जिन्दगी आसान हुई है। परिवार का हर सदस्य खुश है तथा समाज में उनका मान-सम्मान भी बढा है।
श्री शंकरलाल गुर्जर और उनका पूरा परिवार सरकार के प्रति लाख-लाख धन्यवाद देते हुए कहता है कि माई-बाप के रूप में सरकार ने जो संरक्षण दिया है उसे उनका परिवार जिन्दगी भर नहीं भुलेगा। सामाजिक सरोकारों और लोक कल्याण के प्रति समर्पित सरकार की संवेदनशीलता की वजह से ऐसे खूब सारे परिवार हैं जिनकी जिन्दगी रौशन हो चुकी है।

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