द हिडन स्पार्क पुस्तक की सेल चरम पर

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Published on : 03 Oct, 17 09:10

द हिडन स्पार्क पुस्तक की सेल चरम पर बांसवाड़ा। ऑनलाइन सेलिंग की टॉप कंपनी अमेजन पर इन दिनों द हिडन स्पार्क पुस्तक की सेल चरम पर है। वागड़ के युवा लेखक विकास त्रिवेदी की कलम से निकले प्रेरणादायी तथ्यों को विदेशों यथा जर्मनी और इंग्लैंड में सर्वाधिक समर्थन मिल रहा है। एक सप्ताह में ही इस साइट के जरिए ही 5 हजार किताबें बेची जा चुकी है और मांग बढ़ती जा रही है। इसकी रेंकिंग दो दिनों में टॉप 50 से टॉप 39 के बीच बनी हुई है।
वागड़ के विकास त्रिवेदी ने जनवरी माह में अपने विचारों को किताब का रूप देना शुरू किया था। मुंबई में 23 सितंबर को हुए भव्य समारोह में पुस्तक का विमोचन हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि भाग्यश्री प्रोडक्शन के प्रोडक्शन हैड हरेश तोगानी थे। मुंबई के पब्लिशिंग हाउस बीकम शेक्सपियर ने इस किताब की अब तक ढेरों प्रतियां बेच दी है। खास बात यह है कि इस किताब से आने वाली रॉयल्टी उत्तर प्रदेश के मर्सी फॉर ऑल सोसायटी को जा रही है। यह संस्था बेसहारा जानवरों की सेवा के लिए काम करती है। अब यह किताब ऑफलाइन भी बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध है।



यह संदेश है द हिडन स्पार्क में ...
विकास ने बताया कि मन में नकारात्मक विचारों का घर करना, उदास होना, स्वभाव का अचानक चिढ़चिढ़ा होना, कभी बहुत गुस्सा तो कभी सामान्य हो जाना जैसी समस्याओं से अक्सर लोग परेशान होते है। मैं भी इसी दौर से गुजर रहा था, बचपन में बोलने ओर सुनने में सक्षम नहीं था। लोग हंसी उड़ाते थे और अभिभावकों को ताना देते थे। इससे खुद भी काफी अवसाद के हालातों से गुजरा। जब इस समस्या से निकलने के लिए मैने अपने वरिष्ठों से उपाय मांगे। सभी ने किताबों का सहारा लेने का रास्ता बताया। मैने किताबें पढ़ी जरूर लेकिन समाधान नहीं हुआ। तब मन में विचार आया कि क्यों ने समस्याओं को मैं सोश्यल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए ठीक करूं। इसके बाद इस दौर में दो हजार लोगो की भी इसी तरह की समस्याएं थी। विदेशों से भी मानसिक रूप से मार्गदर्शन देने वाले मेंटर्स या मार्गदर्शकों ने रास्ता दिखाया। खुद की समस्या का समाधान तो हुआ फिर ठाना कि समाज के ऐसे तबके को भी रास्ता दिखाया जाए। वहीं आज द हिडन स्पार्क किताब के रूप में हमारे बीच में है। खास बात यह है कि विकास अंग्रेजी में शुरू से कमजोर श्रेणी के छात्र रहे, लेकिन इसी मार्गदर्शन का परिणाम है कि एमए अंग्रेजी में फस्र्ट क्लास पास की। इस किताबों को पहले पांच प्रकाशकों ने नकार दिया था। अब बढ़चढ़कर मिल रही सफलता के बाद वे ईमेल के जरिए लगातार संपर्क में है। विकास का मानना है कि चुनौतियों से लड़ने की हिम्मत निराशा से ही मिलती है। जब हम किसी परेशानी में होते है, तब उससे पार पाने की कोशिश करना ही आशा या ‘स्पार्क’ है।
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