उसर की जमीन की तरह है बिना साधना का जीवन: आचार्यश्री सुनीलसागरजी

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Published on : 21 Sep, 17 12:09

नौरात्रा के उपलक्ष में हुमड़ भवन में जैन गरबा आज से

उसर की जमीन की तरह है बिना साधना का जीवन: आचार्यश्री सुनीलसागरजी जिस मनुष्य के जीवन में धर्म ध्यान नहीं, त्याग- तपस्या नहीं, संयम- साधना नहीं या दान- पुण्य नहीं उसका जीवन उस जमीन की तरह है जिस जमीन पर कितना भी पानी बरस जाए, कितने ही बीज बो दिये जाएं, कितने ही पेड़- पौधे लगा दिये जाएं सभी व्यर्थ होंगे। ना तो वहां पर कोई पुसल पकेगी, ना ही वहां कोई भी पेड़ पोधे चलेंगे, लगाते जाओगे वह सूखते जाएंगे क्योंकि वह जमीन ही उसर है, बंजर है। इसलिए जीवन में धर्म ध्यान, त्याग- तपस्यां, संयम- साधना और दान- पुण्य का होना बहुत जरूरी है, बिना धर्म के जीवन उसर की जमीन की तरह बन जाता है और उन्हें कभी भी मोक्ष मार्ग की प्राप्ति नहीं हो सकती है। उक्त विचार आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने हुमड़ भवन में आयोजित प्रात:कालीन धर्म सभा में व्यक्त किये।
आचार्यश्री ने कहा भगवानश्री राम ने भी माता सीता की अग्नि परीक्षा ली थी, लेकिन माता सीता तो स्वयं पतिव्रता धर्म की जननी थीं। क्या हुआ उन्होंने तो अग्निपरीक्षा दी थी, उनका कुछ बिगड़ा क्या, नहीं। क्योंकि वह पतित्व और सतित्व धर्म का पालन करने वाली साक्षात देवी थीं। इसी तरह से अगर मन में भक्ति नहीं है और अज्ञान का उसर है कितना ही त्याग कर लो, कितनी ही तपस्याएं कर लो, साधना कर लो लेकिन उनका फल कभी भी नहीं मिल सकता।
आचार्यश्री ने कहा कि मनुष्य सारी दुनिया की परिक्रमा करता है, घूमने फिरने के लिए। लेकिन उसके पास मन्दिर में भगवान की परिक्रमा करने का समय नहीं बचता है। जबकि मनुष्य अगर मन्दिर में भगवान की परिक्रमा कर ले तो उसकी सारी दुनिया की परिक्रमा हो जाएगी क्योंकि दुनिया तो उसी प्रभु, भगवान ने ही बनाई है। जीवन में चाहे धर्म-ध्यान हो, त्याग- तपस्या हो या संयम साधना हो बिना अनुशासन के वो कभी भी पूरी नहीं हो सकती है। बिना गुरू के अंकुश के यह सब पूरा करना सम्भव नहीं हो सकता है और अगर सम्भव हो भी गया तो कोई न कोई कमी तो छूट ही जाएगी। इसलिए बिना अनुशासन और अंकुश के कोई भी काम सही ढंग से सम्पादित नहीं हो पाता है। इसके लिए आपके गुरू आपको कभी कोई कड़वी बात भी कह दे, कठोर बोल भी दे तो उसका बुरा नहीं मानना चाहिये क्योंकि गुरू की कड़वी और कठोर बातों में आपका ही हित छुपा होता है।
हुमड़ भवन में आज से गरबा आयोजन: गुरूवार से नाव रात्रा के उपलक्ष्य में नौ दिन तक हुमड़ भवन में शाम को जैन गरबा का आयोजन होगा। मंजू गदावत एवं विद्या झावरिया ने बताया कि जैन महिला जागृति मंच के तत्वावधान में हुमड़ भवन में शाम 7.30 बजे से 10.30 बजे तक गरबा का आयोजन होगा जिसमें मां पद्मावती की आराधना की जाएगी।
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