विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत की कार्रवाई

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Published on : 19 Sep, 17 06:09

।नोटिस का जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई

चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल ने अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता टी टी वी दिनाकरण का समर्थन कर रहे 18 बागी विधायकों को तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित कर दिया। संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत निर्मित 1986 दल बदल कानून के तहत सभी 18 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
इन विधायकों ने मुख्यमंत्री के पलानीसामी से समर्थन वापस ले लिया था।19 विधायकों ने किया था बगावत का झंडा बुलंद : अन्नाद्रमुक के पलानीसामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की अगुआई वाले दो विरोधी धड़ों के 21 अगस्त को हुए विलय के खिलाफ 19 विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद किया था। उन्होंने 22 अगस्त को मुख्यमंत्री से समर्थन वापस लेने संबंधी पत्र राज्यपाल सी विद्यासागर राव को सौंपा था। इन्होंने पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने की भी मांग की थी। इसके बाद पलानीसामी सरकार अल्पमत में आ गयी थी। हालांकि इसके कुछ दिन बाद बागी विधायकों में से एक जक्कैयन ने पलानीसामी को समर्थन देने का निर्णय लिया।
नोटिस का जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई :
विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को दो बार नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ दल बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जाए? विधायकों के जवाब नहीं देने पर विस अध्यक्ष ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। 20 से पहले नहीं साबित किया जा सकता बहुमत : मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 20 सितम्बर से पहले बहुमत साबित नहीं किया जा सकता है।
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