जैसी सोच, वैसा ही कर्म

( 8111 बार पढ़ी गयी)
Published on : 19 Sep, 17 06:09

जैसी सोच, वैसा ही कर्म उदयपुर, सफलता तभी मिलती है, जब व्यक्ति जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर, उसे पाने के लिए बढता है। असम्भव कुछ भी नहीं, सब कुछ सम्भव हो सकता है। यह बात सोमवार को पद्मश्री कैलाश ’मानव‘ ने नारायण सेवा संस्थान के बडी ग्राम स्थित सेवा महातीर्थ परिसर में चार दिवसीय ’अपनों से अपनी बात‘ में कही। संस्थान में निःशुल्क पोलियो करेक्टिव सर्जरी के लिए देश के विभिन्न भागों से आए बच्चों, किशोर-किशोरियों से उन्हने हौसला बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा कि आत्म विश्वास दृढ है तो सफलता की राह में कोई भी शारीरिक अक्षमता बाधक नहीं हो सकती। आस्था चैनल पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि जैसी दृश्टि होगी, वैसा ही दृश्टिकोण बनेगा और जैसी सोच होगी वैसा ही कर्म होगा। व्यक्ति को दृश्टि और सोच में सदैव सकारात्मकता रखनी चाहिए। यह सत्साहित्य के अध्ययन और सत्संग से भी सम्भव है। हमें कभी-कभी बुरे कहे जाने वाले या नापसंद लोगों में भी कोई अच्छाई नजर आ ही जाती है। सुन्दर और उपयोगी विचार जहां से भी मिले, उन्हें ग्रहण कर के उनका अपने भीतर निरन्तर विकास करें। कार्यक्रम का संचालन महिम जैन एवं ओम पाल सीलन ने किया।

साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.