राजस्थान में मूंग और मुगफली की पी एस एफ स्कीम के तहत खरीद होगी

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Published on : 09 Sep, 17 08:09

राजस्थान में मूंग और मुगफली की पी एस एफ स्कीम के तहत खरीद होगी नई दिल्ली, राजस्थान सरकार किसानों को उनकी दलहनी और तिलहनी फसलांे का उचित मूल्य दिलवाने के लिए केन्द्र सरकार की नोडल एजेंसी नेफेड के माध्यम से पीएसएफ ( मूल्य स्थिरीकरण कोष ) योजना के तहत शीघ्र ही मूंग और मूंगफली की खरीददारी करवाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग की राजफैड प्रदेश की नोडल एजेंसी होगी।
यह निर्णय केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्राी श्री सी आर चौधरी के साथ शुक्रवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में राजस्थान के सहकारिता मंत्राी श्री अजय सिंह किलक की बैठक में हुआ। इसके लिए पी एस एफ स्कीम के तरह राजफैड को एक रिवाल्विंग फण्ड बनाना होगा और राज्य सरकार को कृषि मंडी टैक्स को हटाने की सहमति देनी होगी।
बैठक में केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कृषि मंत्रालय के साथ ही नेफेड और राजफैड के वरिष्ठ अधिकारियांे ने भाग लिया।
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्राी श्री सी आर चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने इस वर्ष मूँगफली का समर्थन मूल्य 4450 रु प्रति किवंटल घोषित किया है। इसी प्रकार मूंग का समर्थन मूल्य 5575 रु प्रति किवंटल तय हुआ है। जिसमें 200 रु बोनस भी शामिल है। जो कि गत वर्ष की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष भी राजस्थान से सबसे अधिक 1.90 लाख मैट्रिक टन मूंग की खरीद करवा किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाने में मदद की थी।
बैठक के बाद राज्य के सहकारिता मंत्राी श्री अजय सिंह किलक ने बताया कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे प्रदेश के किसानों को उनकी उपज की वाजिब कीमत दिलवाने के लिए बहुत चिंतित है। उन्होंनेे बताया कि मंडी टैक्स आदि पर मुख्यमंत्राी से उचित निर्णय करवा राजस्थान सरकार आगामी एक अक्टूबर से मूंग और मूंगफली की खरीद शुरू करवाना चाहती है। इसके लिए पिछली बार की तरह ही इस बार भी 70-72 खरीद केन्द्र बनाये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि इस बार किसानों की सुविधा के लिए सहकारिता विभाग ने एक सोफ्टवेयर भी बनाया है,जिस पर किसान अपनी फसल की बिक्री के लिए ई मित्रा केन्द्रों के द्वारा आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। तदनुरूप किसानों की सुविधा के अनुसार उन्हें एसएमएस द्वारा खरीद की तिथि की सूचना भिजवाई जाएगी। काश्तकारों को अपने साथ गिरदावरी की रिपोर्ट और भामाशाह कार्ड की प्रति लानी होगी। किसानों की फसल का तय मूल्य उनके बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर होगा। खरीद केन्द्रांे पर फसल की गुणवत्ता की जाँच के लिए नैफेड के प्रतिनिधि मौजूद रहेगे। खरीद का काम तीन माह तक चलेगा।
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