राजस्थान विद्यापीठ - ८१वां स्थापना दिवस

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Published on : 22 Aug, 17 15:08

अच्छे समाज की निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षक पर - एच.सी. पारख

राजस्थान विद्यापीठ - ८१वां स्थापना दिवस उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के ८१वे स्थापना दिवस को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में मनाया गया। प्रारंभ में मुख्य अतिथि कुलाधिपति एच.सी. पारख, कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर, मॉ सरस्वती तस्वीर पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलित, मनीषी पं. जनार्दनराय नागर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि, संस्था गीत एवं संस्था का झण्डारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया। कुलाधिपति प्रो. एच.सी. पारख ने कहा कि अच्छे समाज की निर्माण की जिम्मेदारी शिक्षा के कंधों पर है। वह शिक्षा खुद के लिए न होकर समाज के सर्वहारा वर्ग के लिए हो ठीक उसी तरह मूल्यपरक शिक्षा भी देश व समाज को आगे बढाने की आज की जरूरत है। जिस समय देश में महात्मा गांधी स्वतंत्रता की अलख जगा रहे थे उस समय मेवाड के आदिवासी अंचल में जनुभाई शिक्षा की जोत जलाने में व्यस्त थे। विद्यापीठ की स्थापना उनकी अज्ञानता दूर करने की सोच का ही परिणाम है। अध्यक्षता करते हुए कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर ने कहा कि नई पीढी से मेवाड के ग्रामीण समुदाय के काम हाथ मे लेते हुए जनुभाई के सपनों केा पूरा करने की बात कही। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि १९३७ में मनीषी पं. जनार्दनराय नागर ने तीन रूपये, पांच कार्यकर्ता एवं लालटेन के द्वारा अस्थल मंदिर से राजस्थान विद्यापीठ की नींव रखी जो आज वट वृक्ष का रूप लिए हुए है। उन्होने गरीब, श्रमिक, खेतीहर व्यक्तियों को शिक्षा से जोडने के उद्देश्य से श्रमजीवी महाविद्यालय एवं गांवों में रात्रि कालीन पाठशालाएं प्रौढो के लिए शुरू की। विद्यापीठ की स्थापना के पिछे स्व. नागर के उदेश्यों पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा स्वतंत्रता को लोकतंत्र के लिए आवश्यक बताया। जनुभाई की योजनाओं को साकार करने के लिए कार्यकर्ताओं से आव्हान किया। पं. नागर ने साक्षरता, बेहतर शिक्षा तथा मुल्य बोध की स्थापना के लिए ही विद्यापीठ की स्थापना की। स्थापना दिवस बीतें वर्षों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन तथा नवीन दायित्व बोध का है। इस अवसर पर डॉ. जीवन सिंह खरकवाल, प्रो. एस.के. मिश्रा, डॉ. सुमन पामेचा, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. शशि चितौडा, सुभाष बोहरा, प्रो. मलय पानेरी, प्रो. नीलम कोशिक, प्रो. अनिता शुक्ला, डॉ. अर्पणा श्रीवास्तव, डॉ. लिलि जैन, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. शेलेन्द्र मेहता, डॉ. एल. आर. पटेल, डॉ. सुनिता सिंह, डॉ. युवराज सिंह राठौड, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. पारस जैन, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डा. हीना खान, नजमुद्दीन, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत नाहर, जितेन्द्र सिंह चौहान राठोड, डॉ. धमेन्द्र राजोरा, डॉ. मेहजबीन सादडीवाला, डॉ. सरोज गर्ग सहित विद्यापीठ के समस्त कार्यकर्ता उपस्थित थे। समारोह का संचालन डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने किया। कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने मंगलवार को विद्यापीठ के समस्त विभागों में अवकाश की घोषणा की जबकि जिन विभागों में परीक्षाए है वे यथावत होगी।

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